उत्तर प्रदेश का रामपुर जिला आजकल सुर्खियों में है। ये सुर्खियां केवल रामपुर के सांसद आजम खान के कारण नहीं बल्कि यहां के अपराधियों के कारण भी हैं। क्योंकि अपराधी डर के मारे में आत्मसमर्पण कर रहे हैं और अदालत से गुहार लगा रहे है कि उनके पुराने मामले खारिज कर जेल में डाल दिया जाए। असल में जितने अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया है उसमें से 40 अपराधी पर गोहत्या के मामले दर्ज हैं।

आंकड़ों के मुताबिक रामपुर जिले में जिला अदालत में एक जून से 15 जुलाई के बीच करीब 146 अपराधियों और विभिन्न मामलों में आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन लोगों को पर बलात्कार, गोहत्या, अपहरण, अवैध खनन और अन्य मामलों में रिपोर्ट दर्ज है।

अभी तक ये अपराधी खुलेआम घूम रहे थे, लेकिन पिछले 45 दिनों में इन्होंने कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर लिया है। असल में जब से रामपुर में चर्चित आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा की तैनाती हुई है तब से अपराधियों में खौफ देखा जा रहा है।

अपराधियों को लगता है कि कई उनका एनकांटर न हो जाए। लिहाजा ये अपराधी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं। असल में पूरे प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ अभियान चल रहा है।

हालांकि प्रदेश में जब योगी सरकार आयी थी तो इसी तरह अपराधी आत्मसमर्पण करने के लिए थानों या अदालत में गुहार लगाने लगे थे। लेकिन इस बीच अपराधियों के हौसले बुलंद हो गये है। लेकिन अब योगी सरकार ने फिर अपराधियों का एनकाउंटर करने की मुहिम छेड़ दी है।

जिसके बाद बाद रामपुर एक जून से 15 जुलाई के बीच बलात्कार, गोहत्या, अपहरण, अवैध खनन और अन्य मामलों के 146 आरोपी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसमें से 40 आरोपी गोहत्या के मामले में फरार थे। वहीं 81 अपराधियों के खिलाफ लूटपाट, अपहरण, पोक्सो, नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक पदार्थ अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं।