ट्रेन-18 का ट्रायल अगले 2 महीनों में दिल्ली-भोपाल रूट पर चलने वाला है। इस प्रॉजेक्ट के लिए रेल मंत्रालय अब तक 120 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है।
जिस ट्रेन का इंतजार भारत के लोगों को बेसब्री से है वह अब जल्द ही खत्म होने वाला है क्योंकि हवा से बाते करने वाली ट्रेन जल्द ही ट्रैक पर उतरने वाली है। देशभर में शताब्दी ट्रेनों की जगह चलने वाली आधुनिक ट्रेन जिसे ट्रेन-18 के नाम से जाना जाता है, वह चैन्ने स्थित इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में बनकर तैयार है।
यह ट्रेन ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाई गई है, ट्रेन को पहले उत्तर रेलवे में ट्रायल के रुप में चलाया जाएगा।
ट्रेन-18 का ट्रायल अगले 2 महीनों में दिल्ली-भोपाल रूट पर चलने वाला है। सूत्रों के अनुसार इसी रूट पर देश की सबसे तेज ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है, इसी को मद्देनजर रखते हुए ट्रेन-18 का ट्रायल भी यहीं किया जाएगा। रेलवे बोर्ड से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन-18 का अगला ट्रायल मुंबई-अहमदाबाद रूट पर किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन को जनवरी 2019 में आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।
ट्रेन-18 बिना इंजन की होगी, यह ट्रेन भारतीय रेलवे पर दोड़ रही अन्य ट्रेनों से बिल्कुल अलग होगी। इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 170 किमी प्रतिघंटा के करीब रहने वाली है। यह ट्रेन पूरी तरह से एयर कंडीशनर होगी, सभी कोच एक दूसरे से जुड़े होंगे। स्टेनलेस स्टील की बॉडी वाली इस ट्रेन में वाई-फाई, एलईडी लाइट,पैसेंजर इनफर्मेशन सिस्टम और पूरे कोच में दोनों दिशाओं में एक ही बड़ी सी खिड़की होगी।
इस प्रॉजेक्ट के लिए रेल मंत्रालय अब तक 120 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है।
Last Updated Oct 22, 2018, 3:46 PM IST