प्राण देने वाली हवा में घुल रहा जहर भारत के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इससे निजात पाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। अब गंदी हवा साफ करने के लिए विशाल एयर प्यूरिफायर बनाने की योजना पर काम चल रहा है। लेकिन क्या यह स्थायी समाधान है? बल्कि ज्यादा जरुरी यह है कि हम हवा को गंदा होने से बचाएं। 

चीन की तर्ज पर एयर क्वालिटी सुधारने के लिए विशाल एयर प्यूरिफायर बनाने की योजना पर काम चल रहा है। यह एक दिन में एक दिन में 130 करोड़ लीटर हवा साफ़ कर सकता है। जो कि तीन किलोमीटर के भीतर रहने वाले 75000 लोगों को शुद्ध हवा देगा। इसकी ऊंचाई 40 फुट की होगी। 

यह एयर प्यूरिफायर गुड़गांव की एक कंपनी बना रही है। जिसने अपने उत्पाद को विश्व के सबसे बड़े और मजबूत एयर प्यूरिफायर के रुप में पेटेंट करा लिया है। 

इस कंपनी का पेटेंट वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन के जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है। 

यह एयर प्यूरिफायर 40 फुट ऊँचा और 20 फुट चौड़ा होगा। जो कि अपनी जगह से तीन किलोमीटर तक की जहरीली हवा को साफ करेगा। 

यह सभी तरफ से हवा खींचेगा और हर घंटे 13 लाख घन मीटर हवा साफ करेगा। 

यह एयर प्यूरिफायर बाहर से हवा खींचेगा, जो कि नौ चरणों के फिल्टरों से गुजरकर 99.99 फीसदी तक शुद्ध होकर बाहर निकलेगी। 

यह फिल्टर छोटे धूलकणों और कार्बन को हवा से साफ कर देगा। इसमें 48 पंखे लगे हुए होंगे और यह सौर ऊर्जा पर भी चल सकता है। 

इस प्यूरिफायर का निर्माण करने वाली कंपनी का नाम ‘कुरिन’ है। जिसने इससे पहले 6 फुट ऊंचे प्यूरिफायर का नमूना बनाकर आनंद विहार और गाजियाबाद के सबसे प्रदूषित इलाके में इसका सफल प्रयोग किया था। 

इस प्यूरिफायर की अनुमानित लागत 1.5 से 2 करोड़ रुपए के बीच होगी। जो कि दुनिया में सबसे सस्ती है। 

हालांकि विज्ञान गंदी हवा को साफ करने की तकनीक पर लगातार काम कर रहा है। लेकिन साफ हवा पाने के लिए ज्यादा जरुरी है कि हमलोग हवा को गंदा होने ही न दें। इसके लिए सबसे जरुरी सभी को इस बारे में जागरुक करने की है। क्योंकि स्वच्छ हवा सबकी पहली जरुरत है।