दक्षिण भारत का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में येदियुरप्पा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है। राज्य में अब भाजपा की सरकार बन गयी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही भाजपा राज्य में अपना मंत्रिमंडल विस्तार करेगी। हालांकि केन्द्रीय नेतृत्व ने पहले ही साफ कर दिया था कि सदन में विश्वास मत जीतने के बाद ही मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा।

आज सदन में येदियुरप्पा सरकार ने विश्वास मत रखा। हालांकि विपक्षी दलों इसका विरोध नहीं किया। जिसके बाद येदियुरप्पा सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। हालांकि विश्वासमत के लिए आवाज के द्वारा वोटिंग हुई।

सदन में विश्वासमत के दौरान भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई। लेकिन विपक्ष ने विश्वासमत के दौरान मत विभाजन की मांग नहीं की। क्योंकि विपक्ष को मालूम था कि राज्य में सरकार के पास पूर्ण बहुतमत है।

राज्य में येदियुरप्पा सरकार के पास 106 विधायकों का समर्थन है जबकि सरकार बनाने के लिए 104 विधायकों जरूरत है। वहीं विपक्ष के पास महज 100 विधायकों का समर्थन है। राज्य में रविवार को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने 14 जिसमें 11 कांग्रेस और 3 जेडीएस के विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।

हालांकि इन विधायकों के अयोग्य होने के बाद येदियुरप्पा सरकार पर किसी भी तरह का खतरा नहीं था। लेकिन भाजपा सरकार को लग रहा था कि सदन में विधानसभा अध्यक्ष कोई नया नियम लागू कर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन आज ऐसा कुछ नहीं हुआ।

अब  भाजपा राज्य में विधानसभा अध्यक्ष को उनके पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। हालांकि ये भी हो सकता है कि राज्य में बहुमत सिद्ध करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष अपना इस्तीफा दे दें। गौरतलब है कि कर्नाटक में चौथी बार येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।