लोकसभा चुनाव में यूपी में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को राम की नगरी अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने अयोध्या शोध संस्थान में 7 फीट ऊंची कोदंड राम की प्रतिमा का अनावरण किया। इसे संस्थान के शिल्प संग्रहालय में स्थापित किया जाएगा।

सात फीट ऊंची भगवान राम की ये मूर्ति टीक की लकड़ी से बनी है। मूर्ति में भगवान राम कोदंड धनुष के साथ नजर आ रहे हैं। इसी धनुष से राम ने रावण का वध किया था। दक्षिण भारत में भगवान राम के कोदंड स्वरूप की ही पूजा की जाती है। इस मूर्ति को बनाने के लिए एम मूर्ति को राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है। ये मूर्ति बेंगलुरु के कावेरी म्यूजियम में रखी थी, जहां से इसे 35 लाख रुपये में खरीदा गया है। अब सीएम योगी के हाथों अनावरण के बाद ये मूर्ति लाइब्रेरी में स्थायी प्लेटफॉर्म बन जाने पर वहां स्थापित कर दी जाएगी।

मूर्ति के अनावरण के बाद सीएम योगी ने कहा कि संविधान की पुस्तिक में भगवान राम का चित्र है, भगवान कृष्ण की तस्वीर मूल पुस्तिका में है लेकिन 1947 के बाद बनी सरकारों को राम क्या दिक्कत थी, जो उन्होंने राम के लिए कुछ नहीं किया। योगी ने कहा कि भगवान राम के नाम पर रामायण सर्किट हो या दिवाली के मौके पर दीपोत्सव का आयोजन, यह एक सोच का परिचायक है। आज देश बुलंदियों को इसलिए छू रहा है क्योंकि हमने अपने मूल्यों को तवज्जो दी है। अयोध्या की पहचान भगवान राम से है इसलिए हमने अपनी सरकार आने पर नगर निगम बनाने के साथ जिले का नाम अयोध्या करने का काम किया। 

योगी ने कहा कि अयोध्या शोध संस्थान में रामायण का मंचन बंद करवा दिया गया था, जिसको हमने शुरू करने का काम किया। दुनिया भर की रामलीलाओं को अयोध्या बुलाने का काम हमने 2 साल से किया है, हमने अयोध्या की पहचान दुनिया को दिखाने का काम किया है।