लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने मुलायम परिवार को झटका देते हुए उनके कब्जे से लोहिया ट्रस्ट के नाम से अलॉट बंगले को अपने कब्जे में ले लिया है। यह बंगला लखनऊ के सबसे वीआईपी माने जाने वाले विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित था। 

लोहिया ट्रस्ट के अध्यक्ष सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव हैं, जबकि उनके भाई शिवपाल सिंह यादव इसके सचिव हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मुलायम के बेटे अखिलेश यादव सहित कई वरिष्ठ सपा नेता लोहिया ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं।

लोहिया ट्रस्ट के नाम से आवंटित इस बिल्डिंग पर पिछले कुछ समय से अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव का कब्जा था। लेकिन यूपी के संपत्ति विभाग ने कड़ी सुरक्षा के बीच इस बिल्डिंग को अपने कब्जे में ले लिया। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया।  

उधर राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलन का मन बना रहे हैं। 

दरअसल एक रिटायर आईएएस अधिकारी एसएन शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके आरोप लगाया था कि इस लोहिया ट्रस्ट के नाम से नियमों के खिलाफ जाकर बंगले का आवंटन किया गया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि इस तरह के ट्रस्ट और सोसाइटी के अनाधिकृत बंगलों को चार महीने में खाली करा लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश का पालन करते हुए राज्य के संपत्ति विभाग ने यह कार्रवाई की है। 

आज जो बिल्डिंग खाली कराई गई उसका आवंटन पहले ही रद्द किया जा चुका था। जिसके बाद लोहिया ट्रस्ट इसका प्रतिमाह 70 हजार रुपए किराया दे रहा था। 

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 6 और पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगलों को भी खाली करवाने का आदेश जारी किया है।