उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पश्चिम बंगाल में होने वाली रैलियों के लिए राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने हेलीकाप्टर को उतरने की मंजूरी नहीं दी। लेकिन इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए तरीका निकालकर रैली का संबोधित कर राज्य सरकार को बड़ी चुनौती दे डाली।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पश्चिम बंगाल में होने वाली रैलियों के लिए राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने हेलीकाप्टर को उतरने की मंजूरी नहीं दी। लेकिन इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए तरीका निकालकर रैली का संबोधित कर राज्य सरकार को बड़ी चुनौती दे डाली। योगी ने पश्चिम बंगाल में बलूरघाट व दक्षिणी दिनाजपुर में रैली को फोन के जरिए संबोधित किया। जिसके कारण रैली को रद्द नहीं किया गया। योगी ने कहा कि राज्य में प्रशासन टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरह कार्य कर रहे है और यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
योगी आदित्यनाथ की आज पश्चिम बंगाल में बलूरघाट व दक्षिणी दिनाजपुर में आगामी लोकसभा के लिए दो रैलियां थी। राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने इन रैलियों के लिए भाजपा को अनुमति तो दे दी थी। लेकिन जिला प्रशासन ने योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर के उतरने के लिए अनुमति नहीं दी। जिसके कारण रैली को लेकर असंमजस की स्थिति हो गयी थी। पहले तो ये कहा जा रहा था कि भाजपा ने रैली को रद्द कर दिया है। लेकिन बाद में योगी आदित्यनाथ ने मोबाइल फोन के जरिए रैली को संबोधित करने का फैसला किया। योगी ने पश्चिम बंगाल में भाजपा का सरकार बनाने का दावा करते हुए कहा कि बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने टीएमसी के गुंडों का मुकाबला किया और अगले चुनाव के बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी। योगी ने कहा कि ममता और टीएमसी गलतफहमी का शिकार हो गयी है और वह ये न भूले की भाजपा 16 राज्यों में शासन कर रही है।
हालांकि पहले योगी को उम्मीद थी कि पश्चिम बंगाल सरकार उनके हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति दे देगी। लेकिन राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद योगी तुरंत अपने कालीदास मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे और वहां से उन्होंने रैली को मोबाइल फोन के जरिए रैली को संबोधित करने का फैसला किया। आज की रैली के लिए योगी को सभास्थल के पास हेलिकॉप्टर की लैंडिंग की परमिशन नहीं मिलने के बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि पांच फरवरी को फिर से पश्चिम बंगाल में योगी की होने वाली रैलियों को भी योगी मोबाइल के जरिए संबोधित करेंगे।
अगर राज्य सरकार फिर से अनुमति नहीं देती है तो योगी मोबाइल के जरिए ही रैली को संबोधित करेंगे। अगर ऐसा होता है तो जाहिर है कि योगी पूरी तरह से ममता सरकार को इसके लिए कठघरे में खड़ा करेंगे और उन पर शब्दों के जरिए हमला करेंगे। इससे पहले भी राज्य सरकार ने झारग्राम में भाजपा अध्यक्ष के हेलिकॉप्टर को उतारने की इजाजत नहीं दी गई थी। यही नहीं राज्य सरकार ने इससे पहले मालदा में भी अमित शाह के हेलीकाप्टर को उतारने की मंजूरी नहीं दी थी।
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हालांकि बाद में राज्य सरकार ने उन्हें एक निजी होटल में इसके उतरने के मंजूरी दी थी। अमित शाह ने अपनी रैलियों में राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला था। शनिवार को भी राज्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली थी। जिसमें लाखों की तादात में लोग पहुंचे थे। ठाकुरगंज में प्रधानमंत्री ने कहा था कि भीड़ देखकर समझ आ रहा है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आई है। अब नरेन्द्र मोदी आगामी 8 फरवरी को दार्जिलिंग या जलपाईगुड़ी में रैली को संबोधित करेंगे।
अभी तक राज्य सरकार और भाजपा के बीच रैलियों की अनुमति को लेकर काफी विवाद हो चुका है। भाजपा राज्य सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती है और वह राज्य में हिंदू वोटरों पर केन्द्रीत कर रही है। क्योंकि राज्य में मुस्लिम वोट तीन दलों में बंटेगा, जबकि हिंदू वोट अगर एकजुट होता है तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य में सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की सरकार ने अमित शाह को मालदा एयरपोर्ट पर हेलिकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके लिए राज्य सरकार ने तर्क दिए थे कि एयरपोर्ट पर निर्माण कार्य जारी है, जिसके कारण इजाजत नहीं दी जा सकती है। लिहाजा राज्य सरकार ने मालदा में एक निजी होटल के पास शाह के हेलिकॉप्टर उतारने की अनुमति दे दी।
Last Updated Feb 3, 2019, 5:02 PM IST