विवादित प्रचारक जाकिर नाइक के भारत प्रत्यर्पण को लेकर मलयेशिया सरकार में मतभेद गहरा गए हैं। तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है। मलयेशियाई पीएम ने नाइक को भारत भेजने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि हम सिर्फ मांग पर ही प्रत्यर्पण नहीं करेंगे। पहले सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा। लेकिन मानव संसाधन मंत्री एम कुलसेगरन ने पीएम के रुख का विरोध करते हुए कहा कि नाइक के भाग्य का फैसला अदालत को करना चाहिए। यह निर्णय कोई 'एक अकेला व्यक्ति अथवा सरकार' नहीं ले सकती। इससे पहले, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नाइक के जाकिर से प्रत्यर्पण की 'प्रक्रिया' पूरी होने वाली है। विदेश मंत्रालय ने जनवरी में नाइक के प्रत्यर्पण के लिएअनुरोध किया था। 

कुलसेगरन ने कहा कि वह भारत की अपनी औपचारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में बात करेंगे। उन्होंने दावा किया कि संचार मंत्री गोबिंद सिंह देव और एक अन्य मंत्री जेवियर जयकुमार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में यह मुद्दा उठाया था। कुलसेगरन ने कहा, हमें कानून का पालन करना चाहिए। जहां तक सरकार की बात है तो भारत ने कहा है कि नाइक के खिलाफ मामला है। अगर वह इसे आगे बढ़ाते है तो हमें उसे भेजने अथवा न भेजने पर विचार जरूर करना चाहिए। 

इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, मलयेशिया सरकार के समक्ष हमारा आवेदन लंबित है। हमने मंत्रालय के जरिये इसे आगे बढ़ाया है। वहां भारतीय दूतावास इस पर नजर बनाए हुए है। वह इस संबंध में मलेशियाई अधिकारियों के संपर्क में है। नाइक जुलाई, 2016 में  भारत छोड़कर भाग गया था। उसके खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी आतंकी और मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही है।