ज़मीर अहमद खान, जो कि अपनी पार्टी जेडी (एस) के खिलाफ विवादास्पद बयान देने के कारण जाने जाते हैं और इस तरह की बयानबाजी के बाद उन्हें पार्टी से भी निकाल भी दिया गया था। जमीर ने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख एचडी देवेगौड़ा से मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात उनका फिर से जेडी (एस) में शामिल होने का संकेत दे रही है। अहमद कर्नाटक के लोकप्रिय राजनेताओं में से एक हैं।   

ज़मीर के समर्थकों ने उनके व्यक्तिगत फेसबुक पेज पर ऐसी बैठकों की तस्वीरों को साझा किया है। उन्होंने दावा किया है कि ये मीटिंग ज़मीर की ओर से देवेगौड़ा के साथ एक शिष्टाचार मुलाकात थी।  

पुलकेशिनगर विधायक और ज़मीर के विश्वसनीय अखण्डा श्रीनिस्ममुर्ती ने कहा कि ये मीटिंग बस एक मुलाकात थी। मंत्री बनने के बाद ज़मीर उर्फ अन्ना कई बार यहां आए हैं। यह सिर्फ एक सौजन्यपूर्ण मुलाकात है। लोगों को इसको लेकर उम्मीदें नहीं करनी चाहिए। ज़मीर हमेशा कांग्रेस के सदस्य रहेंगे। जेडी (एस) ने बीजेपी के दावों को भी खारिज करते हुए कहा कि ज़मीर अभी भी दल बदल सकते हैं। 

जेडी (एस) के राष्ट्रीय प्रवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि जेडी(एस) संरक्षक देवगौड़ा के साथ ज़मीर की बैठक सौजन्य बैठक नहीं है, क्योंकि वे वही एचडी देवेगौड़ा हैं, जिन्होंने 2003 में जेडी (एस) पार्टी के चुनाव चिन्ह पर ज़मीर को बिन्नीपेट असेंबली से चुनाव लड़ने के लिए चुना था।

हालांकि, बीजेपी ने कांग्रेस और जेडी (एस) नेताओं के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया है। बीजेपी ने कहा कि ज़मीर यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे देवगौड़ा और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के माध्यम से नागरिक आपूर्ति और अल्पसंख्यक विभाग को अधिक धन आवंटन कराना चाहते हैं।

कर्नाटक भाजपा प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा कि आप देख सकते हैं कि कर्नाटक कांग्रेस नेता कैसे जेडी (एस) के भरोसे रहते हैं, ज़मीर भी कुछ अलग नहीं हैं। जेडी (एस) का मानना है कि उसने कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेताओं को खो दिया है। उन्हें अब अधिक वोट पाने की उम्मीद नहीं है, इसलिए वे अब लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए ज़मीर के व्यक्तित्व का भी उपयोग कर रहे हैं। जेडी (एस) ने बड़े पैमाने पर मुस्लिम नेताओं की अनुपस्थिति महसूस की है। 

उन्होंने आगे कहा कि ज़मीर बहुत बुद्धिमान हैं और वह इस स्थिति का पूरी तरह से उपयोग 
भी करेंगे।

ज़मीर की स्थिति रोशन बेग, एनए हैरिस और अन्य कांग्रेस मुस्लिम नेताओं की तरह हैं। उन्होंने कहा कि एचडी देवेगौड़ा के साथ ज़मीर की बैठक कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन, उसके बाद भी अगर वह खुश नहीं रहें तो वह किसी भी समय पार्टी बदल सकते हैं।