असल में राज्य की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने कुछ दिन पहले राज्य के हिंदू धार्मिक मंदिरों की जमीनों को गरीबों में बांटने का फैसला किया था। लिहाजा इसका सीधे तौर पर विरोध हो रहा था। क्योंकि सरकार का फैसला एक तरफा था। यानी इस फैसले में अन्य धार्मिक स्थलों को शामिल नहीं किया गया था। जिसका विरोध हिंदू संगठन और भाजपा कर रही थी। यही नहीं इसके कारण राज्य सरकार की किरकिरी हो रही थी।