मिलिए धनबाद के देव कुमार वर्मा से, जिनके पिता पान की गुमटी चलाते थे, बचपन में सुबह उठकर खुद कोयला चुनने जाते थे। ट्यूशन पढ़ाया-एलआईसी एजेंट बनें। पढ़ाई पूरी कर सरकारी नौकरी हासिल की। अब देश भर में बच्चों के एजूकेशन के लिए एकल विद्यालय खोल रहे हैं। आइए जानते हैं उनकी कहानी।