क्रूसेड
(Search results - 2)NewsMar 22, 2019, 1:53 PM IST
इस्लामी आतंकवाद के विरूद्ध श्वेत ईसाइयत आतंकवाद का खतरनाक विचार
न्यूजीलैण्ड जैसी घटनाओं का विस्तार हो गया तो दुनिया का बड़ा भाग हिंसा-प्रतिहिंसा का शिकार हो जाएगा। हाल के वर्षों में जेहादी आतंकवादियों द्वारा ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम, स्वीडन में किए गए हमलों ने उसके अंदर यह विचार पैदा किया कि मुसलमान श्वेतों पर विजय पाने के लक्ष्य से हिंसा कर रहे हैं। कहीं ऐसा न हो कि कटु सच को सार्वजनिक रुप से स्वीकार कर कार्रवाई न करने के कारण एक नए किस्म का क्रूसेड(धर्मयुद्ध) आरंभ हो जाए।
ViewsDec 25, 2018, 4:30 PM IST
जीसस क्राइस्ट पर भारत के प्रभाव को नकारता क्यों है चर्च?
जीसस क्राइस्ट यानी ईसा मसीह का आज जन्मदिन है। एक महान संत और ईश्वरपुत्र के रुप में मानवता को उनकी देन असंदिग्ध है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जीसस मूल रुप से सनातन परंपरा के वाहक थे। उनके मूल विचार आर्य अष्टांगिक मार्ग से मेल खाते हैं। लेकिन इन बातों को जानबूझकर छिपाया गया और उसके मूल विचारों के उपर सेमेटिक(एक पैगंबर,एक किताब) विचारों का मुलम्मा चढ़ा दिया गया। ऐसा जीसस की मौत के रोमन सम्राट कॉन्सटेन्टाइन के जमाने में किया गया। ईसा की मौत के 325 साल बाद नायसिया(वर्तमान तुर्की) में एक परिषद् बुलाई गई, जिसमें जीसस के देवत्व की घोषणा की गई। जिसके बाद रोमन साम्राज्यवाद ने ईसा मसीह के व्यक्तित्व को अपना शासन फैलाने के नैतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल करना शुरु कर दिया। प्रेम और दया के प्रतीक ईसा के नाम पर जो खूनी लड़ाईयां हुईं, वह इतिहास में ‘क्रूसेड’ के नाम से आज भी याद की जाती हैं। ऐसा करने के लिए जानबूझ कर जीसस का भारत से संबंध झुठलाया जाने लगा। जानिए जीसस पर भारत के प्रभाव के जुड़े ऐतिहासिक और अहम तथ्य़-