नेहरू
(Search results - 57)NewsJan 6, 2020, 7:56 AM IST
जेएनयू में अराजकता और दहशत, नेताओं ने बनाया राजनैतिक अखाड़ा
जेएनयू में रविवार शाम छात्रों के गुटों में जमकर मारपीट हुई। इसमें दोनों पक्षों के करीब तीन दर्जन से ज्यादा छात्र घायल हो गए और कई छात्रों को गंभीर चोटें आई और जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक एक दर्जन से ज्यादा छात्र गंभीर तौर पर घायल हैं और अस्पताल में इनका इलाज चल रहा है। घायलों में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष आईशी घोष भी शामिल हैं और जिन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
NewsDec 17, 2019, 9:41 AM IST
थाली में फिर सजने लगेगा प्याज, देश में पहुंचने लगा आयातित प्याज
देश के कई राज्यों में प्याज अभी अभी 100-120 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। हालांकि पिछले दिनों की तुलना में प्याज की कीमत कम हुई है। प्याज की कीमत कम होने का सबसे बड़ा कारण व्यापारियों द्वारा गोदामों में पड़े प्याज को निकाला जाना है। वहीं खेतों में रोपा गया प्याज भी बाजार में आ गया है। क्योंकि किसान ज्यादा कीमम मिलने के लाचल में इस प्याज को जल्द निकाल रहे हैं।
NewsNov 22, 2019, 9:41 AM IST
शाह की फटकार आई काम, जेएनयू विवाद खत्म होने की संभावना
जेएनयू में फीस वृद्धि और हास्टल की फीस को बढ़ाने को लेकर जेएनयू प्रशासन का छात्रों के साथ विरोध चल रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों को सभी राजनैतिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। जिसके बाद ये आंदोलन अब दिल्ली की सड़कों पर देखा जा रहा है। उम्मीद की जा रही कि अगर हफ्ते तक इस विवाद का पटाक्षेप हो सकता है।
NewsNov 21, 2019, 9:49 AM IST
महाराष्ट्र में सरकार बनने से पहले शिवसेना ने दिखाया नेहरू प्रेम
असल में शिवसेना ने अपने रूख में बदलाव कर दिया है। क्योंकि राज्य में शिवसेना की अगुवाई में एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना दिख रही है। ये तय है कि जिस कट्टर हिंदू राजनीति को लेकर शिवसेना आक्रामक थी। वह अब राज्य में दिखेगी। बल्कि शिवसेना कांग्रेस की सेक्युलर छवि के जरिए राज्य में सरकार चलाएगी। इसके लिए शिवसेना भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में जेएनयू विवाद को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा गया है।
NewsNov 21, 2019, 9:03 AM IST
सुलझेगा जेएनयू विवाद, शाह ने लगाई निशंक को फटकार!
हॉस्टल फीस व अन्य शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र छात्राएं दिल्ली की सड़कों पर है। छात्र-छात्राओं का विरोध प्रदर्शन हिंसक होता जा रहा है। जबकि इस विवाद के आने के आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने फीस वृद्धि का मामला वापस ले लिया था। लेकिन अब इस मामले में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को केन्द्रीय गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने फटकार लगाई है।
NewsNov 20, 2019, 10:10 AM IST
इंदिरा गांधी और पाकिस्तान पर उनकी जीत
भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को इलाहाबाद में एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। वह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री अपने पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद सबसे लंबे समय तक देश की प्रधानमंत्री रहीं।
NewsNov 13, 2019, 7:34 PM IST
जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का आदेश वापस लेने से सीजेआई दफ्तर को आरटीआई की जद में लाने तक, देखिए माय नेशन के 100 सेकेंड्स में
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने छात्रों की फीस बढ़ाने का फैसला वापस ले लिया है
NewsNov 7, 2019, 8:31 AM IST
भाजपा ने कांग्रेस को बड़ा झटका, अब ये संस्थान हुआ कांग्रेसमुक्त
असल में भारत सरकार ने इस सोसाइटी का पुनर्गठन किया है। जिसमें पहले से तीन सदस्य और कांग्रेस के नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाकर इन लोगों को शामिल किया है। ये तीनों भाजपा समर्थक माने जाते हैं। लिहाजा कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगा रही है कि सरकार ने साजिश के तहत कांग्रेस के नेताओं को इस सोसाइटी से बाहर किया है। जबकि इसमें सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों से लोगों को रखना चाहिए था।
NewsSep 18, 2019, 8:29 PM IST
ईयू द्वारा भारत का अनुच्छेद 370 पर समर्थन से बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के अहम फैसलों तक, देखिए माय नेशन के 100 सेकेंड्स में
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत के फैसले का यूरोपियन यूनियन ने समर्थन किया है
NewsSep 18, 2019, 7:57 PM IST
भाजपा विधायक ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु को बताया ऐयाश
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के विधायक ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर सार्वजनिक रुप से विवादित बयान दिया है। उन्होंने नेहरु को ऐयाशी करने वाला करार दिया।
NewsSep 6, 2019, 8:31 AM IST
देशद्रोह के आरोपी कन्हैया को ‘आप’ की सरकार ने दी क्लीन चिट
कन्हैया कुमार और अन्य नौ लोगों के खिलाफ साल 2016 में विश्वविद्यालय कैंपस में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस साल जनवरी इन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और दिल्ली सरकार से इस लोगों पर मुकदमे दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इन लोगों को क्लीन चिट देते हुए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज न करने का आदेश दिया है।
NewsAug 19, 2019, 3:06 PM IST
भारतीय सेना पर बेबुनियाद आरोप लगाना महंगा पड़ा विवादित शेहला को,वकील ने मुकदमा चलाने के लिए दायर की याचिका
शेहला ने एक के बाद एक दस ट्वीट कल ट्वीटर पर किए और उसने भारतीय सेना पर तमाम तरह के आरोप लगाए थे। वहीं अब भारतीय सेना ने शेहला के इन आरोपों को खारिज किया है। सेना की तरफ से कहा गया है कि राज्य में हालत सामान्य हैं। असल में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 के बाद राज्य में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए सुरक्षा बलों को वहां पर तैनात किया गया है।
NewsAug 7, 2019, 9:31 AM IST
जानें क्यों कश्मीर में नहीं जेएनयू में हो रहा है अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध
जानकारी के मुताबिक कश्मीरी छात्रों ने इस बिल के विरोध में कैंपस में नारे लगाए। उन्होंने कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए भी विरोध प्रदर्शन किया। फिलहाल गृहमंत्रालय ने इन छात्रों के विरोध प्रदर्शन के लिए रिपोर्ट मांगी है। प्रदर्शन कर रहे छात्र और छात्रों ने कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को मिलाकर आजादी की बात कही।
NewsAug 5, 2019, 3:11 PM IST
आईए जानते हैं कि क्या था धारा 370 और 35-ए को लेकर विवाद और इसके खत्म होने से घाटी में क्या बदलेगा?
आर्टिकल 35-ए आजादी मिलने के सात साल बाद यानी साल 1954 में अस्तित्व में आया था। यह एक अस्थायी उपबंध था जिसे राज्य में हालात को उस समय स्थिर करने के लिए जोड़ा गया था। इस अनुच्छेद 35-ए को संविधान के निर्माताओं ने नहीं बनाया। बल्कि इसे शेख अब्दुल्ला और नेहरू के बीच 1952 के दिल्ली समझौता के बाद 1954 में को संविधान में जोड़ा गया। 35ए के जरिए भारतीय नागरिकता को जम्मू-कश्मीर की राज्य सूची का मामला बना दिया। लेकिन अब मोदी सरकार की इच्छा शक्ति की वजह से अब यह विवादास्पद प्रावधान इतिहास का हिस्सा बन चुका है।
NewsMay 23, 2019, 11:35 AM IST
नेहरू और इंदिरा हुए फेल, क्या मोदी के लिए खुलेगा इस क्लब का दरवाजा?
वैश्विक मामलों के जानकारों का दावा है कि इस संकेत से यह भी साफ है कि आजादी के बाद से अभी तक यह पहला मौका है जब भारत संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता के इतने करीब है। वहीं अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर के बीच भारत के लिए अब और आसान है कि वह इस मुद्दे पर चीन की सहमति लेने का दबाव बना सके।