विरोधियों पर तंज कसने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं हैं। अपने भाषणों में वह हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों की जुगलबंदी से विरोधियों पर हमले करते हैं। कई बार उनकी टिप्पणियां विरोधियों के लिए असहज हो जाती हैं और कई बार वे चाहकर भी अपनी हंसी नहीं रोक पाते।