आगरा। देश में बढ़ते टेम्प्रेचर ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। नॉर्थ इंडिया के कई शहरों में तापमान ने वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में 124 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा, जब दूसरी बार पारा 48 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा। शहर उबल रहे हैं। हीटवेव की वजह से मौतों की खबरें आ रही हैं। पर आगरा स्थित दयालबाग की करीबन दर्जन भर कॉलोनियों पर इसका ज्यादा असर नहीं है। वह भी तब जब एक भी घर में AC (air conditioner) नहीं है। यह खबर लोगों को नयी राह दिखाती है। 

1500 से ज्यादा परिवार 

एकबारगी यह सुनकर आप भी यकीन नहीं करेंगे। मन में विचार आएगा कि शायद इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग निम्न आय वर्ग के हों। इसीलिए एसी नहीं लगाया होगा। पर ऐसा नहीं है। इन कॉलोनियों में ब्यूरोक्रेट्स से लेकर जज तक रहते हैं। गर्मियों में घरों में पंखे और कूलर से ही काम चलता है। दयालबाग में दयाल नगर, विद्युत नगर, स्वामी नगर, प्रेम नगर, कार्यवीर नगर, सरन नगर, श्वेत नगर, राधा नगर, मेहर बाग, सरन नगर और DEI कॉलोनी हैं। जिनमें करीबन  1500 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं। आइए उसकी वजह जानते हैं। 

पेड़ों की वजह से तापमान रहता है कम

दरअसल, दयालबाग में 50 से 90 साल पुरानी करीबन दर्जन भर कॉलोनिया हैं। यह आगरा शहर के बीच में बसा है। शहर में आग बरस रही है। पर इन कॉलोनियों में टेम्प्रेचर अपेक्षाकृत कम रहता है। इसकी वजह कॉलोनियों की हरियाली है। हर घर के आगे लगे पेड़ों की वजह से तापमान कम रहता है। घरों को ऐसे बनाया गया है कि उनमें वेंटिलेशन ज्यादा रहता है। नतीजतन, हवा के साथ नमी भी बनी रहती है। इन कॉलोनियों पर एक नजर डालेंगे तो आपको चारो तरफ पेड़ लगे हुए दिखाई देंगे न कि लोगों की घरों की छतों पर टंगे हुए एसी। 

वर्षों पहले शुरू कर दी थी तैयारी

स्थानीय निवासियों के मुताबिक, उन्होंने एसी के बजाए पेड़ लगाएं, जो कई एसी से ज्यादा ठंडक देता है। बढ़ते तापमान का सॉल्यूशन एसी कतई नहीं है। घर चारो तरफ पेड़ों से घिरे हुए हैं। इसकी वजह से धूप की तपिश परेशान नहीं कर पाती। घर का टेम्प्रेचर कम बना रहता है। गर्मी के समय में जब तापमान ने तबाही मचा रखी है, पंखे और कूलर से ही लोगों का काम चल जा रहा है। लोगों को एसी के बजाए पेड़ लगाने चाहिए।

एसी के बजाए पेड़ लगाएं

स्थानीय निवासियों के मुताबिक, ऐसा नहीं कि कॉलोनी के लोग एसी नहीं परचेज कर सकते। पर कभी जरूरत फील नहीं हुई। इसकी तैयारी वर्षों पहले शुरू कर दी गई थी। यहां एसी लगाने की इजाजत नहीं है, क्योंकि वह वातावरण से ही नमी खींचता है और गर्मी पैदा करता है।  

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