अधूरे फ्लाईओवर और सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग, साइन बोर्ड, और अन्य नियम क्या हैं? जानिए इन प्रोटोकॉल्स की पूरी जानकारी और उनकी उपयोगिता।
flyover construction rules: अधूरे फ्लाईओवर या सड़क निर्माण के समय सिक्योरिटी के लिए कई नियम बनाए गए हैं। सड़क पर काम चलने के दौरान ट्रैफिक और पैसेंजर्स की सिक्योरिटी जरूरी है। इसके लिए बैरिकेडिंग, साइन बोर्ड और अन्य साधन यूज किए जाते हैं। आइए, जानते हैं कि इन अधूरे निर्माण कार्यों के दौरान क्या-क्या नियम और प्रोटोकॉल लागू होते हैं।
बैरिकेडिंग क्या है?
बैरिकेडिंग का मतलब किसी क्षेत्र को अस्थायी रूप से घेरने या ब्लॉक करने से है। यह घेराव, सिक्योरिटी और ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए जाता है। बैरिकेडिंग के लिए आमतौर पर बैरिकेडिंग टेप (सावधानी टेप या चेतावनी टेप), अस्थायी ट्रैफिक बैरिकेड, सीमेंट के बड़े स्लैब और सुरक्षा कोन (सेफ्टी कोन) यूज किए जाते हैं।
कितने तरह के होती है बैरिकेडिंग?
बैरिकेडिंग कई तरह की होती है। जैसे-चेतावनी टेप। यह प्लास्टिक का एक गैर-चिपकने वाला टेप होता है, जिस पर "Caution" या "Warning" जैसे शब्द लिखे होते हैं। दूसरी, लाइटेड बैरिकेड्स। यह रात के समय ट्रैफिक के लिए सबसे उपयोगी होते हैं। इनमें चमकदार रोशनी लगी होती है। परमानेंट बैरिकेड भी यूज होते हैं, जो सीमेंट स्लैब या धातु के बैरिकेड होते हैं, यह लंबे समय तक यूज किए जाते हैं।
साइन बोर्ड क्या है?
साइन बोर्ड एक ऐसा सूचना बोर्ड है, जो किसी खास क्षेत्र, दिशा, या सुरक्षा नियमों की जानकारी देने के लिए लगाया जाता है। ताकि पैसेंजर्स सतर्क रहें। आपने भी देखा होगा कि वाहनों को सही दिशा में गाइड करने के लिए सड़क पर जगह-जगह साइन बोर्ड लगे होते हैं। सड़क बंद है तो "Road Closed" जैसा साइन बोर्ड लगाया जाता है। चेतावनी और सूचना के लिए भी अलग-अलग साइन बोर्ड लगाए जाते हैं।
अधूरे फ्लाईओवर के लिए जरूरी नियम
बैरिकेडिंग के साथ-साथ स्पष्ट साइन बोर्ड लगाना जरूरी है।
बैरिकेडिंग ऐसी लगी हो, जिसे पैसेंजर्स आसानी से देख सके, इसके लिए फ्लोरोसेंट रंग और रिफ्लेक्टिव टेप का यूज किया जाता है।
रात के समय फ्लाईओवर पर पर्याप्त लाइटिंग का इंतजाम होना चाहिए।
अधूरे फ्लाईओवर के आसपास वैकल्पिक मार्ग की सूचना दी जानी चाहिए।
“Diversion” जैसे संकेत लगाकर सही दिशा में ट्रैफिक को मोड़ा जाना चाहिए।
सुरक्षा कोन और बैरिकेड्स का यूज कर निर्माण क्षेत्र को अलग किया जाता है।
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Last Updated Nov 30, 2024, 9:57 AM IST