Gold Reserves: भारत में सोने का भंडारण लगातार बढ़ायाजा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास का कहना है कि विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने और बचाव के लिए सोने का भंडारण बढ़ाया जा रहा है। जिसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि  दुनिया के कई देशों में मंदी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से आर्थिक संकट गहराने के आशांका भी हैं। इसीलिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं।

Gold Reserves: RBI का सोना खरीदने का सिलसिला जारी
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक RBI ने  जनवरी-फरवरी 2024 के बीच बाजार से 0.43 मिलियन ट्रॉय औंस या लगभग 13.3 टन सोना खरीदा है। यह 2023 के पूरे साल में केंद्रीय बैंक द्वारा खरीदे गए सोने का 80% से भी ज्यादा है। जो 0.52 मिलियन ट्रॉय औंस के बराबर है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 अप्रैल को बताया था कि हम सोने का भंडार जमा कर रहे हैं। भंडार बढ़ाते समय हम सभी पहलुओं का मूल्यांकन करते हैं और फिर निर्णय लेते हैं।

Gold Reserves को क्यो माना जाता है सिक्योर प्राॅपर्टी?
दिसंबर 2017 से RBI अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने, मुद्रास्फीति और विदेशी मुद्राओं से संबंधित जोखिमों को कम करने के उद्देश्य के तहत नियमित रूप से बाजार से सोना खरीद रहा है। TOI की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का सोने का भंडार दिसंबर 2017 में 17.94 मिलियन ट्रॉय औंस से बढ़कर फरवरी 2024 तक 26.26 मिलियन ट्रॉय औंस हो गया है। ऑफिशियल डेटा के मुताबिक 22 मार्च 2024 को विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की वैल्यू 51.48 अरब डॉलर थी। यह मार्च 2023 के मुकाबले 6.28 अरब डॉलर अधिक है।

RBI के पास कितना है Gold Reserves ?
एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक RBI ने अकेले जनवरी में 8.7 टन सोना खरीदा, जो 2 साल में सबसे ज्यादा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार केंद्रीय बैंक की सोने की होल्डिंग जनवरी के अंत में 812.3 टन तक पहुंच गई थी, जो उससे पिछले महीने में 803.58 टन थी। पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमत में भी तेजी देखी गई है। इससे आम उपभोक्ताओं ने गहने-जेवरात की खरीदारी कम कर दी है या फिर कुछ वक्त के लिए टाल दी है। सोने के भाव में भारी इजाफे की एक वजह केंद्रीय बैंकों की खरीद को भी बताया जा रहा है।

Gold Reserves पर RBI का फोकस क्या किसी खतरे की है आशंका?
RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने यह भी बताया कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च तक 645.6 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि RBI ने पिछले 4-5 वर्षों में जानबूझकर विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने पर फोकस किया है, ताकि अचानक आने वाले बड़े आर्थिक संकट से निपटा जा सके। RBI गर्वनर ने यह भी कहा कि विदेशी मुद्रा के मोर्चे पर केंद्रीय बैंक का नजरिया नेशनल बैलेंस शीट को भी मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि रुपये को स्थिर करना रिजर्व बैंक की प्रॉयरिटी में है।

ये भी पढ़ें...
ITR Filing 2024: कैसे करें 1.5 लाख की सीमा से ऊपर Income Tax Savings? 75 हजार का एडिशनल लाभ भी