महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि इसे पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का प्रतीक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बार का महाकुंभ प्लास्टिक मुक्त होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस अभियान को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर कार्य शुरू हो चुका है। ताकि लाखों श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण मिल सके। 

प्लास्टिक फ्री महाकुंभ बनाने के लिए क्या तैयारियां?

महाकुंभ क्षेत्र में प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर दोना-पत्तल के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
दोना-पत्तल विक्रेताओं को क्षेत्र में दुकानें आवंटित की जा रही हैं।
कोशिश की जा रही है कि मेला क्षेत्र में केवल जैविक और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का ही उपयोग हो। 
मेला क्षेत्र में प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित होगा।
सभी विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे प्लास्टिक फ्री प्रोडक्ट ही बेचें।
नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान।

जागरूकता अभियान

स्कूलों और छात्रों की भागीदारी से जागरूकता अभियान आयोजित किया जाएगा।
400 स्कूलों के प्राचार्यों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की गई है।
छात्रों को स्वच्छता के "ब्रांड एंबेसडर" के रूप में तैयार किया जा रहा है।
लगभग 4 लाख छात्रों को स्वच्छता का संदेशवाहक बनाया जाएगा।
1500 से अधिक गंगा सेवादूतों को तैनाती होगी।
ये सेवादूत श्रद्धालुओं को प्लास्टिक उपयोग से बचने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित करेंगे।
उनकी ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है और आवश्यकता के अनुसार उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

हर घर दस्तक अभियान

‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत हर नागरिक तक प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ का संदेश पहुंचाया जा रहा है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं से संबंधित पर्चियों में भी प्लास्टिक फ्री महाकुंभ का मैसेज होगा। ताकि हर व्यक्ति इस अभियान में सहभागी बन सके।

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