Calling Name Presentation (CNAP): आपके मोबाइल पर फ्रॉड करने वालों की लगातार कॉल आ रही है। आप इनको ट्रेस करने के लिए अब तक कई मोबाइल ऐप्स का उपयोग कर-करके थक चुके हैं तो भारत सरकार के पास आपके लिए एक शानदार योजना है। इस खबर में  बताया गया है कि आप स्पैम कॉल्स को जल्दी से जल्दी कैसे ट्रैक कर पाएंगे?

CNAP लाने का क्या है TRAI का मकसद?
आज के समय में Mobile Fraud के जरिए ऑनलाइन घोटाले और धोखाधड़ी की घटनाएं बड़ी तेजी से बढ़ रही हैं। इनसे निपटने के लिए भारत सरकार टेलीकॉम कंपनियों के साथ एक योजना बना रही है। द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2024 के बाद नई सरकार के कार्यभार संभालने के 100 दिनों के भीतर कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) नामक सेवा शुरू हो जाएगी। वे डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और सुरक्षा के लिए उपकरण विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी (NCSA) भी स्थापित करेंगे। 

 

Calling Name Presentation (CNAP) कैसे करेगा काम? 
TRAI ने करोड़ों मोबाइल यूजर्स को फर्जी कॉल से राहत देने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को CNAP सर्विस लाने का निर्देश किया है। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने लगातार आ रहे फर्जी और मार्केटिंग कॉल्स से लोगों को निजात दिलाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को यह सप्लीमेंटरी सर्विस लाने का निर्देश दिया है। टेलीकॉम कंपनियों को नियामक ने लोगों के KYC डॉक्यूमेंट में दर्ज नाम को डिस्प्ले करने के लिए कहा है, ताकि यूजर्स को पता चल सके कि किसने कॉल किया है। दूरसंचार विभाग ने इस पर ट्राई से इनपुट मांगा था। अब दूरसंचार विभाग TRAI के इस निर्देश पर विचार करेगा।

CNAP के बाद क्या होगी मोबाइल आपरेटर्स की ड्यूटी?
नेशनल क्राइम साइबर एजेंसी (NCSA) डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने की यह हाईटेक टेक्नालॉजी है। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से  बताया गया है कि CNAP चलाने के मॉडल पर टेलीकॉम कंपनियों ने सहमति जताई है। पहचान की जिम्मेदारी उस नेटवर्क पर होगी जहां से कॉल आती है। स्पैम कॉल को रोकने, कॉल रिसीवर की गोपनीयता की सुरक्षा के लिए टेलीकॉम कंपनियां कॉल करने वालों की पहचान का सत्यापन करेंगी। सीएनएपी धोखेबाजों की पहचान करेगा। यह True Caller ऐप की तरह ही काम करेगा। 

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