Godrej Family Split: भारत की दिग्गज कम्पनी गोदरेज ग्रुप (Godrej Group) का परिवार के बीच बंटवारा किया गया है। कम्पनी का कारोबार साबुन से लेकर रियल एस्टेट और घरेलू उपकरणों तक फैला है। गोदरेज समूह 127 साल पुराना है। ग्रुप की फाउंडर फैमिली ने समूह को विभाजित करने के लिए समझौता किया है। गोदरेज में बंटवारे का निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा? जान लें ये खास बातें। 

दो हिस्सो में बंटा गोदरेज ग्रुप 

जानकारी के मुताबिक, गोदरेज परिवार ने ग्रुप को 2 हिस्सों में बंटवारे के लिए एक समझौता किया है। उसके मुताबिक, आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज के हिस्से में ग्रुप की 5 लिस्टेड कम्पनियां आई हैं। चचेरे भाई और बहन जमशेद और स्मिता को अन-लिस्टेड कंपनियां (गोदरेज एंड बॉयस और उससे संबंधित कंपनियां) मिलेंगी। साथ ही मुंबई में लैंड बैंक (भूखंड) का नियंत्रण भी मिलेगा। स्टॉक एक्सचेंजों को शनिवार शाम को इस सिलसिले में सूचना भेज कर जानकारी भी दी गई। इस समझौते में ब्रांड के यूज से लेकर रॉयल्टी और लैंड बैंक के विकास से जुड़े मामलों के लिए भी राह निकाली गई है। 

आदि और नादिर गोदरेज के पास Godrej Industries Group (GIG)

गोदरेज ग्रुप की तरफ से जारी बयान के अनुसार, परिवार के बीच दो पार्ट में बंटवारा किया गया है। 82 वर्षीय आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर (73) के हिस्से में Godrej Industries Group (GIG) आया है। जिसमें पांच लिस्टेड कम्पनियां गोदरेज इंडस्ट्रीज (Godrej Industries), गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties), गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्टस (Godrej Consumer Products), गोदरेज एग्रोवट (Godrej Agrovet) और एस्टेक लाइफ साइंसेज (Astec Lifesciences) होंगी। आदि, नादिर और उनके परिवार के लोगों का इन कम्पनियों पर स्वामित्व होगा। नादिर गोदरेज चेयरपर्सन और पिरोजशा गोदरेज एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरपर्सन होंगे।  

जमशेद और स्मिता Godrej Enterprises Group (GEG) के मालिक

जमशेद (75) और स्मिता गोदरेज कृष्णा (74) के हिस्से में Godrej Enterprises Group (GEG) के तहत Godrej & Boyce (G&B) और इसकी संबद्ध कंपनियां आई हैं। यह कम्पनियां डिफेंस, एनर्जी, आईटी, साफ्टवेयर, एविएशन, इंजन और मोटर्स, सिक्योरिटी, इंटीरियर डिजाइन, हेल्थकेयर इक्विपमेंट, इंफ्रा सॉल्यूशंस और ड्यूरेबल्स से जुड़े कारोबार करती हैं। जमशेद गोदरेज ग्रुप के चेयरमैन और एमडी होंगे। नीरिका होल्कर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर होंगी। 

गोदरेज परिवार के बीच क्यों बंटवारा हुआ?

गोदरेज परिवार के बीच हुए समझौते में कहा गया है कि परिवार के बीच एक एक फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट (FSA) पर सहमति बनी है। ऐसा आपसी सम्मान, दोस्ती और सामंजस्य और सद्भावना को बनाए रखने के लिए किया गया है।

जान लें ये खास बातें

  • 127 साल पुराने गोदरेज ग्रुप का दो शाखाओं में बंटवारा बिजनेस के ​इतिहास में मील का पत्थर।
  • गोदरेज में शेयरहोल्डिंग की रिस्ट्रक्चरिंग की जा सकती है।
  • फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट (FSA) की प्रभावी तारीख से पहले ग्रुप की विभिन्न कम्पनियों में शेयरहोल्डिंग और डायरेक्टरशिप की रिस्ट्रक्चरिंग की जाएगी।
  • दो समूहों में विभाजित परिवार गोदरेज ब्रांड के नाम का इस्तेमाल करना जारी रखेगा।
  • दोनों ग्रुप परिवार की साझा विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  • एस्टेक लाइफसाइंसेज के शेयरहोल्डर्स के लिए नयी घोषणा हो सकती है। उनके लिए ओपन आफर लाया जा सकता है। 
  • विश्लेष्कों के मुताबिक, शेयरहोल्डिंग और डायरेक्टरशिप की रिस्ट्रक्चरिंग के फैसले से स्पष्टता आई। इससे निवेशकों का भ्रम दूर होगा।
  • गोदरेज के शेयर्स पर इस बंटवारे का प्रभाव नहीं पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है, क्योंकि इस बंटवारे का मार्केट पर पहले ही असर पड़ चुका है।

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