नई दिल्ली: आम तौर पर विपक्ष हार जाने के बाद ईवीएम पर दोष लगाना शुरु कर देता है। लेकिन इस बार विपक्ष ने चुनाव के सातो चरण खत्म होने का भी इंतजार नहीं किया। तीन चरण खत्म होते ही विपक्ष का ईवीएम राग शुरु हो गया। 

1.    गोवा से फैलाई गई झूठी खबर
कुछ दिन पहले ऐसी खबरें सामने आई थी कि दक्षिण गोवा लोकसभा सीट पर खराब मिली ईवीएम में कोई भी बटन दबाने पर वोट भाजपा को जा रहा था। इस पर तुरंत खबरें फैलनी शुरु हो गईं। सोशल मीडिया पर माहौल गरम हो गया। 
और जब तक गोवा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुणाल ने प्रेस कांफ्रेन्स नहीं की, तब तक ईवीएम टेंपरिंग के आरोपों को लेकर सत्ता पक्ष के खिलाफ पर जमकर राजनीति होती रही। 
बाद में शुक्रवार को चुनाव आयोग ने प्रेस को बयान जारी कर कहा कि ‘खराब मशीन से छद्म मतदान के दौरान 17 वोट भाजपा उम्मीदवार को जाने का आरोप पूरी तरह झूठा, गुमराह करने वाला और तथ्यात्मक रूप से गलत है। असल में, छद्म मतदान में 17 वोट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी कोस्मो फ्रांसिस्को कैतानो सरडिन्हा को गए थे। ईवीएम और वीवीपैट मशीन को तत्काल बदल दिया गया और आरक्षित रखे गए नए उपकरण से मतदान हुआ’। 
यह मुद्दा दक्षिण गोवा लोकसभा सीट से केजरीवाल की पार्टी के उम्मीदवार एल्विस गोम्स ने उठाया था।

2.    अखिलेश यादव का ईवीएम राग 
यूपी में महागठबंधन के अगुवा और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने तो ईवीएम के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि पूरे भारत में ईवीएम या तो गड़बड़ हैं या फिर भाजपा के पक्ष में वोट डाल रही हैं। 
अखिलेश ने इस मामले में चुनाव आयोग को टैग करते हुए ट्वीट भी किया था कि पूरे भारत में ईवीएम :इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन: या तो खराब हैं या फिर भाजपा के लिए वोट कर रही हैं। अखिलेश ने कहा कि जिलाधिकारी कहते हैं कि निर्वाचन अधिकारी ईवीएम परिचालन की दृष्टि से प्रशिक्षित नहीं है। साढ़े तीन सौ से अधिक ईवीएम बदली जा रही हैं। सपा अध्यक्ष का आरोप था कि यह चुनावी प्रक्रिया के लिहाज से आपराधिक लापरवाही है। 

3.    चंद्रबाबू ने भी जनादेश को भांपकर ईवीएम को दोषी बताना शुरु किया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी खराब ईवीएम का मुद्दा उठा चुके हैं। तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भारतीय चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया को "बड़ा मजाक" बना रहा है। नायडू ने राज्य में 175 विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों के लिए मतदान पूरा होने के अगले दिन यानी शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव प्रक्रिया को अंजाम देने के तरीके पर सवाल उठाए। 
 उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में 30-40 प्रतिशत ईवीएम या तो खराब थीं या ठीक से काम नहीं कर रही थीं। नायडू ने कहा, "यह एक बहुत बड़ा मजाक है। राष्ट्र के लिये आपदा है।  मैं कह सकता हूं कि यह बहुत बड़ा भ्रम है, बड़ी गड़बड़ है।" उन्होंने दावा किया था कि "आधिकारिक जानकारी" के अनुसार राज्य में 4,583 ईवीएम अटक गईं और यह एक "बड़ा संकट" था। उन्होंने उप चुनाव आयुक्त के उस स्पष्टीकरण पर भी नाराजगी जताई कि आंध्र प्रदेश में ईवीएम के साथ कोई समस्या नहीं थी। तेदेपा प्रमुख ने कहा था कि मैंने ऐसा असंवेदनशील, अवास्तविक, गैरजिम्मेदार और बेकार चुनाव आयोग कभी नहीं देखा।  आपने लोकतंत्र का मजाक बना रखा है? चुनाव आयोग भाजपा के शाखा कार्यालय में बदल गया है।"

4.    ‘जया’लहर से घबराए आजम के बेटे ने भी बनाया ईवीएम का बहाना
यूपी के रामपुर में सपा प्रत्याशी आजम खान के बेटे अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि ‘बीजेपी जानती है कि रामपुर से उनके पिता आजम को बड़ी जीत मिलने वाली है और इसी वजह से यहां ईवीएम के साथ गड़बड़ी की जा रही है। यहां 300 से ज्यादा EVM मशीन काम नहीं कर रही हैं। पुलिस के रवैये और मशीन में खराबी की वजह से वोटिंग काफी धीमी चल रही है’। 
रामपुर से पूर्व सांसद जया प्रदा बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं। जिनपर सपा प्रत्याशी आजम खान ने बेहद आपत्तिजनक बयान भी दिया था। इसके बाद अब उनके बेटे हार को भांपकर ईवीएम को दोषी ठहराने में जुटे हैं। 

5.    केजरीवाल भी तलाश चुके हैं ईवीएम की ओट
गोवा में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के आरोपों के लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्विट करके पूछा था कि ईवीएम सच में खराब है या फिर मशीन में ऐसे प्रोग्राम सेट किए गए हैं। इन आरोपों के बीज गोवा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जांच किए जाने की बात कही थी। 
लेकिन गोवा के चुनाव अधिकारी के स्पष्टीकरण के बाद केजरीवाल की बोलती बंद हो चुकी है।

6.    कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शुरु कर चुके हैं ईवीएम पर हंगामा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, अहमद पटेल, तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी और डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात की ही। इन लोगों ने ईवीएम पर अपनी  आपत्ति दर्ज कराई और मांग की कि  कि चुनाव के बाकी बचे चरणों में कमल के नीचे बीजेपी लिखे सभी ईवीएम हटा दिए जाएं। या फिर बाकी दलों के नाम भी उनके चुनाव चिन्हों के नीचे लिखे जाएं।  

7.    पीएम मोदी भी कर चुके हैं इशारा
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड का दौरा किया था। मंगलवार को रांची में उन्होंने एक रोड शो किया और बुधवार को लोहरदगा में एक जनसभा को संबोधित किया। जहां पीएम ने विशेष तौर पर कहा कि 'तीसरे चरण के बाद विरोधियों ने फिर ईवीएम का मुद्दा बना लिया है। यह इनकी हार का सबूत है।''
पीएम मोदी ने कहा कि ‘विरोधियों ने अपनी नाकामी और पराजय का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की तैयारी पूरी कर ली है। ईवीएम पर विपक्ष का रोना इसलिए हो रहा है कि जनता महामिलाटवियों को वोट देकर वोट खराब करना नहीं चाहती है। 'जो विधानसभा चुनाव बचाने की ताकत नहीं रखते हैं, वो ईवीएम को गाली देना शुरू कर दिए हैं। लोग देश के विकास के लिए वोट कर रहे हैं।'