सिर्फ गेहूं की रोटियां नहीं, ये अनाज भी आपकी सेहत को रखेगा दुरस्त

By Bhawana tripathi  |  First Published Feb 19, 2024, 5:47 PM IST

ज्यादातर भारतीय घरों में रोजाना गेंहू की रोटी खाई जाती है। गेंहू के साथ ही अनाज के अन्य विकल्प  मौजूद हैं जिनकी रोटी बनाई जा सकती है। जानिए कौन-से हैं वो अनाज।

लाइफ़स्टाइल। गेहूं की रोटियों का सेवन भारतीय घरों में लगभग रोजाना ही किया जाता है। गेहूं के अलावा भी अनाज के अन्य विकल्प हैं जिनकी रोटियां बनाई जा सकती हैं। हेल्थ कॉन्शियस लोग सिर्फ गेहूं से बनी रोटी का सेवन नहीं करते हैं। अनाज के अन्य विकल्प न सिर्फ खाने में अच्छे लगते हैं बल्कि शरीर को भी फायदा भी पहुंचाते हैं। आप गेहूं के बजाय अन्य अनाज की रोटियां का इस्तेमाल रोजाना कर सकते हैं।

बाजरे का आटा (Bajra Flour)

अगर आप ग्लूटेन फ्री रोटियां खाना चाहते हैं तो आपको बाजरे के आटे का इस्तेमाल करना चाहिए। बाजरे के आटे में ग्लूटेन नहीं होता है। इसे खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। इस तरह इंसान कम मात्रा में खाता है और वजन भी कम होता है।बाजरे के आटे की रोटी को आप किसी भी ग्रेवी सब्जी के साथ खा सकते हैं।

ज्वार के आटे की रोटियां

जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है उन्हें ज्वार के आटे की रोटियां खानी चाहिए। ज्वार के आटे में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर का सेवन करने से कब्ज की समस्या नहीं होती है।
 

मक्के का सेवन

ठंड के मौसम में अगर आप गेहूं के आटे की बजाय मक्के के आटे की रोटी खाते हैं तो आपको बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इस आटे में फाइबर होता है और ये कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है। वैसे भी सर्दियों में सरसों का साग और मक्के की रोटी लोगों का पसंदीदा खाना होती है।

राजगिरा का सेवन

डायबिटीज कंट्रोल करने, मोटापा कम करने के लिए राजगिरा आटे को अच्छा ऑप्शन माना जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन ए, विटामिन बी, आयरन आदि होता है जो  कई पोषक तत्वों से भरा है।

डायबिटीज के मरीजों को अक्सर मल्टीग्रेन आटा खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मल्टिग्रेन आटा ब्लड में शुगर के लेवल को मेंटेन रखता है। अगर आप किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें और उसके बाद ही अपना डाइट प्लान बनाएं।

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