अहमद पटेल से जुड़े कर्बला भूमि मामले में शिया एक्टिविस्ट की हत्या

कर्बला जोर बाग मूवमेंट की ओर से पुलिस, पीएमओ और अन्य को भेजी गई शिकायत में गांधी परिवार के वफादार का नाम। मामला कोर्ट में होने के बावजूद एक्टिविस्ट को लगातार दी जा रही थी धमकियां।

Karbala land grab case involving Ahmed Patel takes bloody turn, Shia activist murdered

दिल्ली के जोरबाग इलाके में कर्बला की जमीन को कथित अवैध कब्जाधारकों से बचाने की लड़ाई लड़ रहे एक शिया एक्टिविस्ट को सोमवार को दिनदहाड़े गाजियाबाद के लोनी में उसके घर के सामने गोली मार दी गई। 

शब्बार जैदी कर्बला जोरबाग जमीन आंदोलन का मुखर समर्थक था। वक्फ बचाओ कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करने के अगले ही दिन ही जैदी को दिन दहाड़े सिर में गोली मार दी गई। वक्फ के संरक्षक के मुताबिक यह घटना महज इत्तेफाक नहीं है। 

इस घटना के बाद से जोरबाग के अलीगंज में वक्फ की संपत्तियों की देखभाल करने वाले अंजुमन-ए-हैदरी के प्रबंधक जहारुल हसन सदमे में हैं। यही संस्था कर्बला की पाक जमीन और दरगाह मैदान की देखरेख करती है। उन्होंने बुधवार को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय व अन्य को एक शिकायत भेजी है। इसमें आरोप लगाया गया है कि गांधी परिवार के वफादार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल लगातार उन्हें और शिया संस्था के महासचिव बहादुर अब्बास नकवी समेत दूसरे कार्यकर्ताओं को धमकियां दे रहे हैं। आरोप है कि पटेल ही उन लोगों के सरपरस्त हैं जो सैकड़ो करोड़ रुपये की पाक जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। 

यह मामला पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा है। शिकायतकर्ता ने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस सुरक्षा दिए जाने का अनुरोध किया है। 

जब  ‘माय नेशन’ ने पटेल का पक्ष जानने के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास पर संपर्क किया तो उनके सहायक ने बताया कि कांग्रेस नेता घर पर नहीं हैं। जब वह लौटेंगे तो बात करेंगे। पटेल की प्रतिक्रिया मिलने पर स्टोरी में उनका पक्ष जोड़ दिया जाएगा।

 ‘माय नेशन’ ने सबसे पहले खबर दी थी कि अहमद पटेल कर्बला जोरबाग की 2.5 एकड़ जमीन पर कब्जे की कोशिश के मामले में आरोपी हैं और उन पर कानूनी शिकंजा कस रहा है। 

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 ‘जान को खतरा है, सुरक्षा चाहिए’

हसन मुस्लिमों की धार्मिक जमीन को एक समूह के कब्जे से बचाने के लिए चल रही कानूनी लड़ाई की अगुवाई कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस समूह का नेतृत्व पटेल कर रहे हैं। वह इस मामले को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे, जहां कोर्ट ने पटेल को नोटिस भेजा है। आरोप है कि जब हसन पटेल के मदर टेरेसा क्रीसेंट स्थित आवास पर नोटिस चस्पा कर रहा था तो कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की गई। 

उन्होंने पुलिस शिकायत में आरोप लगाया है, ‘देश के सबसे बड़े शिया नेता मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी की अगुवाई में यह मूवमेंट चलाया गया। उनके दुनिया भर में करोड़ों अनुयायी हैं। अंजुमन-ए-हैदरी के महासचिव बहादुर अब्बास नकवी और दूसरे पदाधिकारियों की जान को वक्फ भू माफिया अहमद और उनके गुर्गों से जान का खतरा है।’

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 कई गंभीर आरोप

 शिकायत में कहा गया है, ‘वक्फ भू-माफिया और उनके दूसरे गुर्गों की ओर से आठ मार्च से लगातार कर्बला जोरबाग जमीन छोड़ो मूवमेंट के पदाधिकारियों, सदस्यों और समर्थकों को धमकियां दी जा रही हैं। कहा जा रहा है कि जो भी कर्बला के माफिया के खिलाफ आवाज उठाएगा उसे मार/मिटा दिया जाएगा अथवा कड़ा सबक सिखाया जाएगा।’

हसन ने अपनी शिकायत में लिखा है कि मारा गया कार्यकर्ता जैदी कर्बला बचाओ मूवमेंट का मुखर समर्थक था। वह वक्फ भू-माफियों की आंखों में कांटे की तरह चुभ रहा था। 

हसन की ओर से दी गई शिकायत में कहा गया है, ‘जिस तरह से जैदी को उसके सिर में गोली मारी गई, यह दर्शाता है कि इस हत्या को पेशेवर हत्यारों ने अंजाम दिया। यह संगठित माफिया गैंग के हत्यारों का काम लगता है।’ 

इसमें कहा गया है कि आठ फरवरी को मधस्थता के जरिये कर्बला की जमीन को ‘अहमद पटेल की सरपरस्ती वाले वक्फ भू-माफिया के सदस्यों के कब्जे’ से छुड़ाया गया था। लेकिन माफिया ने इसे स्वीकार नहीं किया। अंजुमन-ए-हैदरी को संपत्ति सौंपे जाने के  दौरान भी ‘धमकाने और उकसाने के सभी तरीके इस्तेमाल किए गए।’

पूर्व में भी की गई शिकायतें

हसन ने ‘माय नेशन’ को बताया कि वे कई बार पटेल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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