अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने दावा किया है कि उसने खासतौर पर ओमिक्रॉन वेरिएंट से लड़ने के लिए टीका बना लिया है। जनवरी 2022 से इसका उत्पादन शुरू हो सकता है।
वॉशिंगटन। कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) पूरी दुनिया में फैल रहा है। भारत में भी इसके रोगी मिले हैं। ओमिक्रॉन वेरियंट में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन ने 30 से ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं। इसके चलते वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे कोरोना के टीके कितने प्रभावी साबित होंगे इसपर सवाल खड़ा हो गया है। ऐसे लोग भी ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे हैं, जिन्होंने कोरोना के टीका का दोनों डोज लिया है।
टीका के कम प्रभावी होने की वजह नए वेरियंट के स्पाइक प्रोटीन में हुआ म्यूटेशन बताया जा रहा है। कोरोना के पहले वेरियंट के स्पाइक प्रोटीन के आधार पर बना टीका नए वेरियंट पर कितना असरकार साबित हो रहा है इसपर रिसर्च जारी है। इस बीच कोरोना का टीका बनाने वाली अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने दावा किया है कि उसने खासतौर पर ओमिक्रॉन वेरिएंट से लड़ने के लिए टीका बना लिया है। जनवरी 2022 से इसका उत्पादन शुरू हो सकता है।
जनवरी से शुरू हो सकता है उत्पादन
नोवावैक्स कंपनी का कहना है वह कि अगले साल जनवरी से ओमिक्रॉन वेरिएंट से लड़ने वाले टीके का कॉमर्शियल मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर सकती है। ओमिक्रॉन वेरिएंट के म्यूटेशन को देखते हुए कंपनी ने खास तौर पर इस वैक्सीन के निर्माण किया है। अगले दो महीनों में इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। नोवावैक्स की मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ कितनी कारगर इसपर रिसर्च की जा रही है। अगले कुछ सप्ताह में इसकी जानकारी सामने आएगी।
बता दें कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण बढ़ते ही अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों ने अपने नागरिकों को कोरोना का टीका लगाना तेज कर दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़े स्तर पर टीकाकरण की शुरुआत का ऐलान किया है। वहीं, ब्रिटेन की सरकार ने फाइजर-बायोएनटेक और मॉर्डना से 11.4 करोड़ वैक्सीन डोज खरीदने का ऐलान किया है। सरकार ने मॉर्डना से 6 करोड़ और फाइजर-बायोएनटेक से 5.4 करोड़ शॉट खरीदने का फैसला किया है। अगले दो महीने में 18 साल के सभी लोगों को तीसरा डोज दिया जाएगा।
Last Updated Dec 4, 2021, 6:10 PM IST