नई दिल्ली। भारत सरकार मित्र देशों को रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। इसी राह पर चलते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने एक उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर एमके III के निर्यात के लिए मॉरीशस सरकार के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल मॉरीशस पुलिस बल द्वारा किया जाएगा।

मॉरीशस सरकार पहले से ही एचएएल द्वारा बनाए गए ALH और डीओ-228 विमानों का संचालन करती है। केंद्र सरकार ने मॉरीशस सरकार को दिसंबर 2016 में एक ध्रुव और 2 चेतक हेलिकॉप्टर उपहार में दिए थे। ताजा अनुबंध के साथ, एचएएल और मॉरीशस सरकार ने तीन दशकों में फैले अपने लंबे समय से चले आ रहे व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया है।

विदेशों में भी रेस्क्यू ऑपरेशंस कर चुका है यह हेलिकॉप्टर
मल्टी रोल ALH- MK III ने भारत में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कई मिशनों में बेहतर भूमिका निभाई है। 5.5 टन वजनी यह मल्टी रोल हेलिकॉप्टर विदेशों में रेस्क्यू ऑपरेशंस का हिस्सा रह चुका है। अब तक 335 से अधिक ALH का निर्माण किया जा चुका है। यह हेलिकॉप्टर लगभग 3.4 लाख घंटे उड़ान भर चुके हैं। HAL हेलिकॉप्टर के लिए टेक्निकल असिस्टेंस भी मुहैया कराता है। 

फिलीपींस से मिला ब्रह्मोस की बैटरी का ऑर्डर
एचएएल और मॉरीशस सरकार के बीच अनुबंध पर एचएएल हेलिकॉप्टर डिवीजन के महाप्रबंधक बीके त्रिपाठी और मॉरीशस सरकार के गृह मामलों के सचिव ओके डाबिदीन ने कानपुर में एचएएल (HAL)के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट डिवीजन में हस्ताक्षर किए। यह डील फिलीपींस द्वारा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की तीन बैटरियों के ऑर्डर जितनी है। उस सौदे को देश का अब तक का सबसे बड़ा रक्षा निर्यात ऑर्डर माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगर यह डील हो जाती है तो भारत एक विश्वसनीय क्षेत्रीय सुरक्षा भागीदार बन सकता है। मॉरीशस सरकार के साथ सौदे से सरकार को 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपए के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

मॉरीशस को लीज पर डोर्नियर विमान भी दिया
सितंबर 2021 में, भारत ने मॉरीशस को एक डोर्नियर विमान लीज पर दिया है। पिछले वर्ष दोनों देशों ने रक्षा खरीद के लिए 100 मिलियन डॉलर के डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट पर हस्ताक्षर किए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले साल मॉरीशस की अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि उन्हें खुशी है कि मॉरीशस ने अपने व्यापक समुद्री क्षेत्र में गश्त और निगरानी के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए दो साल के लिए भारत में निर्मित डोर्नियर विमान और उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर ध्रुव को लीज पर दिया था।