भारत की पुरातत्व महत्व से जुड़ीं विरासत 14 बेशकीमती विरासत(मूर्तियां-चित्र आदि) ऑस्ट्रेलिया की नेशनल गैलरी(NGA) से वापस मिल रही हैं। ये मूर्तियां अंतरराष्ट्रीय कुख्यात डीलरों ने चोरों से खरीदी थीं।
नई दिल्ली. भारत से चोरी करके अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेची गईं पुरातत्व महत्व की 14 बेशकीमती मूर्तियां वापस मिलने जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेशनल गैलरी ऑफ ऑस्ट्रेलिया (NGA) ने एशियाई आर्ट गैलरी से लूटी गईं वस्तुओं को हटाने की मुहिम के तहत यह फैसला लिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमत करीब 3 मिलियन डॉलर बताई जाती है। इनमें 6 मूर्तियां, 6 तस्वीरें, एक चित्रित स्क्रॉल और एक जुलूस मानक (procession standard) शामिल हैं। बता दें कि NGA में बड़े पैमाने पर धार्मिक और सांस्कृतिक कलाकृतियां संग्रहित हैं, इनमें से कुछ 12वीं शताब्दी की हैं।
केंद्रीय मंत्री ने किया tweet, प्रधानमंत्री का माना आभार
केंद्रीय विदेश राज्य और संस्कृति मंत्री (current Minister of State for External Affairs and Culture of India) ने एक tweet करके इसके लिए प्रधानमंत्री की कोशिशों की तारीफ की है। लेखी ने कहा-मैं इस अवसर पर प्रधान मंत्री जी को ठोस प्रयासों के लिए धन्यवाद देती हूं, जिनके कारण 14 चुराई गई भारतीय विरासत वस्तुओं को वापस लाया जा रहा है।
I take this opportunity to thank Hon’ble PM for the concerted efforts Due to which 14 stolen Indian heritage objects are being repatriated. @MinOfCultureGoI ,@MEAIndia and @NatGalleryAus,#IndianCulture #IndianArt https://t.co/Wbc4Z6Wj6p
— Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) July 30, 2021
भारत और ऑस्ट्रेलिया सांस्कृतिक विरासत बचाने एक साथ काम रहे
afr.com से बातचीत में NGA के निदेशक निक मित्जे़विच ने बताया कि इनमें से 13 वस्तुएं न्यूयॉर्क के रहने वाला कुख्यात डीलर सुभाष कपूर ने खरीदी थीं। इसके अलावा 1889 में एक अन्य डीलर विलियम वोल्फ से जब्त की गई एक अन्य विरासत भी भारत को सौंपी जा रही है। यह चौथी बार है, जब NGA कपूर से जब्त भारत की पुरातत्व विरासत वापस लौटा रहा है। बता दें सितंबर 2014 में तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री टोनी एबॉट ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान कपूर द्वारा कथित रूप से तस्करी की गई 900 साल पुरानी शिव मूर्ति लौटा दी थी।
कुख्यात तस्कर है कपूर
कपूर को 2011 में गिरफ्तार किया गया था। उस पर भारत में मुकदमा चलाए जाने के लिए अमेरिका से प्रत्यर्पण का इंतजार किया जा रहा है। उसे अक्टूबर 2011 में जर्मनी में मूर्ति तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि कपूर ने पिछले 30 सालों में सैकड़ों पुरातत्व महत्व की मूर्तियां, चित्र और प्राचीन वस्तुओं का व्यापार किया। इन्हें अब चोरी का माना जाता है। ये चीजें वो मैनहट्टन में स्थित अपनी आर्ट गैलरी के जरिये बेचा करता था।
Last Updated Aug 12, 2021, 3:30 PM IST