नई दिल्ली। चीन (China) के साथ तनाव के बीच भारत का रक्षा तंत्र (Defence Sysytem) अपनी ताकत में लगातार इजाफा कर रहा है। रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने सेनाओं को आधुनिक तकनीकी से लैस करने के लिए मंगलवार को करीब आठ हजार करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। डिफेंस मिनिस्ट्री ने जिन प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी है उसमें 12 लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (LUH), शॉर्ट रेंज हुन माउंट, लिंक्स फायर कंट्रोल सिस्टम और डोर्नियर एयरक्राफ्ट का मिड लाइफ अपग्रेड शामिल हैं। 

पूरी तरह होगा स्वदेशी 
रक्षा मंत्रालय जिन उपकरणों या हथियारों की खरीद को मंजूरी दिया है वह पूरी तरह से स्वदेशी होगा। यह खरीद करीब 7,965 करोड़ रुपये की होगी। मंत्रालय की ओर बताया गया है कि इन सभी का निर्माण और अपग्रेडेशन पूरी तरह से भारत में ही किया जाएगा। मेक इन इंडिया (Make in India) के तहत इन प्रोजेक्टों को मंजूरी दी गई है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 12 लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर को खरीदने की मंजूरी दी गई है।

टोही विमानों का होगा अपग्रेडेशन
नौसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) से लिंक्स फायर कंट्रोल सिस्टम और समुद्री टोही और तटीय निगरानी के लिए एचएएल डोर्नियर एयरक्राफ्ट का मिड लाइफ अपग्रेड का काम करेगा, जिससे टोही विमानों की ट्रैकिंग की क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा। 

युद्धपोत वाई 12704 मिला नौसेना को
परियोजना 15बी का पहला युद्धपोत वाई 12704 (विशाखापत्तनम) 28 अक्टूबर 2021 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। परियोजना 15बी के तहत मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) निर्देशित मिसाइल विध्वसंक युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है। परियोजना 15बी के चार जहाजों के अनुबंध पर 28 जनवरी 2011 को हस्ताक्षर किए गए थे। इन्हें विशाखापत्तनम श्रेणी के जहाजों के रूप में जाना जाता है। यह परियोजना पिछले दशक में शुरू किए गए कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15ए) का अनुवर्ती है। इस जहाज को भारतीय नौसेना की इन-हाउस डिजाइन संस्था, नौसेना डिजाइन निदेशालय ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई ने किया है।