नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने वैलेंटाइन डे पर PSLV-C52 ऑर्बिटल मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर देश को खास भेंट दिया है। पीएसएलवी-सी 52 ने तीन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया। इसमें एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस-04) है। इसका वजन 1710 किलोग्राम है। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान 14 फरवरी को सुबह 5.59 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के पहले लॉन्च पैड से लॉन्च हुआ।

चार स्टेज में पूरी हुई अंतरिक्ष यात्रा
PSLV-C52 ने EOS-04 सैटेलाइट को Sun Synchronous orbit में पहुंचाया है। यह PSLV की 54वीं उड़ान है। छह PSOM-XLs ks के साथ PSLV-XL कॉन्फिगरेशन में यह 23वां मिशन है। PSLV 44.4 मीटर लंबा रॉकेट है। इसने अंतरिक्ष तक की अपनी यात्रा चार स्टेज में पूरी की। इसके पहले स्टेज में ठोस इंधन का इस्तेमाल प्रोपेलेंट के रूप में हुआ। दूसरे स्टेज में लिक्विड, तीसरे स्टेज में ठोस और चौथे स्टेज में लिक्विड इंधन का इस्तेमाल हुआ। रॉकेट ने 321 टन वजन लेकर उड़ान भरी, जिसमें इंधन का वजन भी शामिल है। अंतरिक्ष तक की अपनी यात्रा में रॉकेट ने 263.35 टन इंधन जला दिया। करीब 33  मिनट में रॉकेट 538.27 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचा।

अंतरिक्ष में भेजे गए ये सैटेलाइट
EOS-04: यह एक राडार इमेजिंग सैटेलाइट है। इसे हर तरह के मौसम में हाई क्वालिटी तस्वीर लेने के लिए डिजाइन किया गया है। इन तस्वीरों का इस्तेमाल खेती, वन विज्ञान, वृक्षारोपण, बाढ़ नियंत्रण, जमीन की नमी और जल विज्ञान जैसे क्षेत्र में होगा। इसकी उम्र 10 साल है।

INS-2TD: यह एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह है। यह भारत-भूटान संयुक्त उपग्रह (INS-2B) का अग्रदूत है। इसमें थर्मल इमेजिंग कैमरा लगा है। इस कैमरा से ली गई तस्वीर से जमीन और पानी के सतह के तापमान का पता चलेगा। इसका इस्तेमाल फसलों और वनों के प्रबंधन में भी हो सकता है। यह दिन-रात काम करेगा। इसकी उम्र छह माह है।

INSPIREsat-1: यह कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर में वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी की प्रयोगशाला के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) का एक छात्र उपग्रह (INSPIREsat-1) है। इसकी उम्र एक साल है।

पिछले साल EOS-03 का लॉन्च हुआ था फेल
PSLV-C52 का प्रक्षेपण 2022 का इसरो का पहला मिशन होगा। पिछले साल अगस्त में तकनीकी विसंगति (technical anomaly) के चलते पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (Earth Observation Satellite) EOS-03 तैनात नहीं किया जा सका था। यह मिशन फेल होने से इसरो को भारी नुकसान हुआ था।

इस बीच, इसरो ने कहा कि INSAT-4B का जीवनकाल पूरा हो गया है। उसका मिशन पश्चात निपटान (पीएमडी) किया जा चुका है। 24 जनवरी, 2022 को संयुक्त राष्ट्र और अंतर देशीय अंतरिक्ष मलबा निपटान के दिशानिर्देशों के अनुसार उसका निपटान भी किया जा चुका है। इनसैट 4 बी भारत का 21वां ऐसा उपग्रह है, जिसका पोस्ट मिशन डिस्पोजल (PMD) किया गया है।