मैनपुरी। यूपी की सियासत में धरती पुत्र कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के परिवार के एक और सदस्य के राजनीतिक अखाड़े में उतरने की तैयारी है। इसके लिए पहले से ही जमीन तैयारी शुरू हो गई है। मुलायम परिवार का यह सदस्य कोई बाहरी नहीं बल्कि उनकी खुद की पोती अदिति यादव है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव-सांसद डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव 22 साल की हो गई हैं। अदिति इन दिनों अपनी मां डिंपल यादव के चुनाव प्रचार के लिए मैनपुरी में डटी हुई है। 

 

मैनपुरी में कार्यकर्ताओं के बीच नजर आई अखिलेश की दुलारी बेटी
आरती यादव में परिवार के लोग मुलायम सिंह की झलक देखते हैं। वह अपनी मां के मंचीय भाषण से लेकर आपसी बातचीत को भी बड़े गौर से सुनती और समझती हैं। जिससे माना जारहा है कि जल्द ही अदिति की भी राजनीति में इंट्री हो सकती है। मां के लोकसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों पर नजर रख रही आरती राजनीति विज्ञान से शिक्षा भी ग्रहण कर रही हैं। 

 

राजनीति के अखाड़े में बेजोड़ है मुलायम सिंह का कुनबा
इटावा के सैफई गांव के रहने वाले मुलायम सिंह अपने जमाने के जिस तरह से अखाड़े में पहलवानी करते थे, उसी तरह राजनीति के दंगल में भी वह बेजोड़ थे। इस परिवार की तीन पीढ़ियां राजनीति की बुलंदियों को छू चुकी हैं, या छू रही हैं। इसीलिए माना जा रहा है कि आरती भी इस अखाड़े में अपने घरवालों की तरह उतरेंगी। सोमवार को मैनपुरी के कसमरा में आयोजित सम्मेलन में आरती यादव मां डिंपल यादव के साथ कार्यकर्ताओं के बीच नजर आईं। जिससे कहा जा रहा है कि अभी वह राजनीति का ककहरा सीख रहीं हैं। 

 

3 पीढ़ियां छू चुकी हैं राजनीति की बुलंदी
सियासतदानों का परिवार कहे जाने वाले मुलायम सिंह के परिवार में उनके अलावा प्रो. रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव, अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव, तेज प्रताप यादव, प्रतीक यादव समेत एक दर्जन से ज्यादा नाम हैं जो राजनीति की सीढ़यां चढ़कर किसी न किसी जनमंच तक का सफर तय कर चुके हैं। आखिरी बार मुलायम सिंह के पोते तेजप्रताप यादव ने मैनपुरी से 2014 के लोकसभा उप चुनाव में जीत हासिल की थी। उनके बाद करीब एक दशक से सैफई परिवार के किसी नए सदस्य ने सियासत में कदम नहीं रखा है। 

 

मां के साथ प्रचार में नजर आ रहीं है आरती यादव 
हालांकि अभी मंच पर मां डिंपल यादव के साथ अदिति नहीं बैठी। उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन में नीचे कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर पूरा कार्यक्रम देखा और सुना। बेहद सरल और सादगी पसंद लग रही अदिति वहां की महिलाओं और कार्यकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र थीं। हालांकि जानकार इसे राजनीतिक नजरिए से देख रहे हैं। जानकारों का कहना है कि जनता से जुड़ने का तरीका है कि उनके बीच में बैठो। मुलायम सिंह यादव यही करते थे और अदिति यादव ने भी यहीं से शुरूआत की है। 


 

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