नई दिल्ली। देश के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान (national master plan) तैयार हो चुका है। पीएम मोदी ने आज गति शक्ति- मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी (GatiShakti-multi modal Connectivity) के लिए इस राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया गया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा-आज दुर्गाष्टमी है, पूरे देश में आज शक्ति स्वरूपा का पूजन हो रहा है। शक्ति की उपासना के इस पुण्य अवसर पर देश की प्रगति की गति को भी शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है। हम अगले 25 वर्षों के लिए नींव रख रहे हैं। यह राष्ट्रीय मास्टर प्लान 21वीं सदी की विकास योजनाओं को 'गतिशक्ति' देगा और इन योजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद करेगा। कार्यक्रम जारी है... 

पुरानी सोच को पीछे छोड़कर बढ़ रहे
मोदी ने कहा-आज 21वीं सदी का भारत सरकारी व्यवस्थाओं की उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। आज का मंत्र है, Will for progress, work for progress, wealth for progress, plan for progress, preference for progress(प्रगति के लिए इच्छा, प्रगति के लिए कार्य, प्रगति के लिए धन, प्रगति के लिए योजना, प्रगति के लिए वरीयता।)

इंफ्रास्ट्रक्चर अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है
मोदी ने कहा-जबकि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि Sustainable Development के लिए Quality इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है। हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। ये उनके घोषणा पत्र में भी नजर नहीं आता है। अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने में गर्व करते हैं।

स्टेक होल्डर्स के बारे में कहा
मोदी ने कहा- गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान देश की पॉलिसी मेकिंग से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को, इन्वेस्टर्स को एक analytical और डिसीजन मेकिंग टूल भी देगा। इससे सरकारों को प्रभावी प्लानिंग और पॉलिसी बनाने में  मदद मिलेगी।

7 सालों में 1.5 लाख पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा
मोदी ने बताया-2014 के पहले के 5 सालों में सिर्फ 60 पंचायतों को ही ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा सका था। बीते 7 वर्षों में हमने 1.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट कर दिया है।

मेट्रो की उपलब्धि गिनाई
मोदी ने कहा-2014 के पहले लगभग 250 किलोमीटर ट्रैक पर ही मेट्रो चल रही थी। आज 700 किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है और 1,000 किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा। 2014 से पहले के 5 सालों में सिर्फ 3,000 किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था। बीते 7 सालों में हमने 24 हजार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है।

मोदी ने कहा-भारत को अंतर्देशीय जलमार्ग( inland waterways ) और समुद्री विमानों(sea-planes) के क्षेत्र में भी नया बुनियादी ढांचा मिला है। 2014 तक भारत में सिर्फ 5 जलमार्ग थे। आज भारत में 13 कार्यात्मक जलमार्ग हैं। विमानन क्षेत्र(aviation sector) में आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र (modern ecosystem) विकसित करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। हवाई संपर्क में सुधार के लिए हमने न केवल नए हवाई अड्डे बनाए हैं, बल्कि हवाई क्षेत्र को भी खोल दिया है।

बदलते भारत की ये खूबियां भी गिनाईं
एक समय में भारत में सिर्फ 5 मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर थे। आज हमारे पास 15 विनिर्माण क्लस्टर हैं जो तैयार हैं और हमारा लक्ष्य भविष्य में संख्या को दोगुना करना है। अगले कुछ सालों में 200 से ज्यादा एयरपोर्ट, हेलीपैड और वाटर एयरोड्रोम तैयार हो जाएंगे। करीब 19,000 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन नेटवर्क लगभग दोगुना हो जाएगा।


क्यों गति शक्ति की है आवश्यकता?
सरकारी विभागों में समन्वय के लिए गति शक्ति-मल्टी मोडल कनेक्टिविटी बहुत ही व्यवहारिक काम करेगा। देश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विभिन्न विभागों या मंत्रालयों की परियोजनाएं चलती रहती हैं। लेकिन समन्वय के अभाव में एक ही स्थान पर अलग-अलग परियोजनाओं के शुरू होने से कई प्रकार की समस्याएं और वित्तीय भार भी पड़ता है।

जैसे एक बार सड़क बनने के बाद, अन्य एजेंसियों ने भूमिगत केबल बिछाने, गैस पाइपलाइन आदि जैसी गतिविधियों के लिए फिर से निर्मित सड़क को खोद दिया जाता है। इससे न केवल बड़ी असुविधा होती है, बल्कि एक बेकार खर्च भी बढ़ता है। इसके समाधान के लिए समन्वय बढ़ाने के प्रयास किए गए ताकि सभी केबल, पाइपलाइन आदि एक साथ बिछाई जा सकें। अन्य मुद्दों जैसे समय लेने वाली अनुमोदन प्रक्रिया, नियामक मंजूरी आदि के समाधान के लिए भी कदम उठाए गए हैं। 


एक साथ बन सकेगी सबकी परियोजना
पीएम गतिशक्ति का एक और बड़ा लाभ यह होगा कि कहीं इफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अलग-अलग विभागों को अपने अपने स्तर पर अलग-अलग कोई परियोजना बनाने की बजाय एक साथ समन्वय स्थापित कर एक परियोजना बना सकेंगे और अपने स्तर पर संबंधित कार्य को पूरा कर सकेंगे। इससे समय और वित्त दोनों की बचत हो सकेगी। अलग-अलग साइलो में योजना बनाने और डिजाइन करने के बजाय, परियोजनाओं को एक सामान्य दृष्टि से डिजाइन किया जाएगा। 

एक सेट्रलाइज्ड सिस्टम के तहत होगा काम
गति शक्ति का एक केंद्रीकृत पोर्टल होगा जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की सभी मौजूदा और प्लानिंग एक जगह मिल सकेगा। प्रत्येक विभाग परियोजनाओं की प्लानिंग और एक्सीक्यूशन के लिए महत्वपूर्ण डेटा एक दूसरे को साझा करते रहेंगे। 

सभी मंत्रालय और विभाग अब जीआईएस प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्रॉस-सेक्टोरल परियोजनाओं की प्रगति की कल्पना, समीक्षा और निगरानी करने में सक्षम होंगे। क्योंकि उपग्रह इमेजरी समय-समय पर जमीनी प्रगति देगी और परियोजनाओं की प्रगति की रिपोर्ट का पता चल सकेगा।