नई दिल्ली। आज हम बात कर रहे हैं आईआईएम ग्रेजुएट सुरोभि दास की। वह जिस कंपनी में काम करती थीं। उसी कंपनी के 179 करोड़ के शेयरों की मालकिन बनी थीं। वह 2011 में ज़ोमैटो से जुड़ीं। जुलाई 2011 में ज़ोमैटो मुंबई में महाप्रबंध के पद पर ज्वाइन किया और साल 2017 में जोमैटो की सीईओ बनीं। साल 2021 में, जब ज़ोमैटो सार्वजनिक हुई, तो उनके पास कंपनी के 14,217,400 शेयर थे। जिनकी वैल्यूएशन 179 करोड़ रुपये थी। वह कंपनी के उन कर्मचारियों में से एक थीं, जो करोड़पति बन गए।

सुरोभि दास को कैसे मिले करोड़ों के शेयर?

दरअसल, सुरोभि दास को करोड़ो रुपये मूल्य के शेयर ESOP(Employee stock ownership plan) योजना के तहत मिले थे। यह एक कर्मचारी लाभ योजना ​है, इसके तहत कंपनी शेयरों में निवेश के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित करती है, जिसकी दर, बाजार दर की तुलना में काफी कम होती है। यह लाभ-साझाकरण योजना और बोनस के रूप में भी जारी की जाती है। इन्हीं शेयरों की कीमत साल 2021 में करोड़ों में पहुंच गई।

सुरोभि दास ने कहां से की करियर की शुरुआत?

सुरोभि दास ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए करने के बाद सितम्बर 2009 में बेन एंड कम्पनी में एसोसिएट कंसलटेंट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली से वास्तुकला में बी. आर्क भी किया है। बीच में दो साल वह विदेश यात्रा पर रहीं और पढ़ाई-लिखाई के अलावा अपनी हॉबीज पर ध्यान दिया। 

क्या कर रही हैं सुरोभि दास?

सुरोभि दास 2 साल के ब्रेक के बाद अगस्त  2020 में वह फिर जोमैटो में वापस आई थीं। वह अब ब्लिंकिट को डेवलप करने के लिए काम कर रही हैं। ब्लिंकिट (A Zomato Company) एक किराना व ई-कॉमर्स का ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है। जिसमें तत्काल ​डिलीवरी मॉडल की शुरुआत की गई है। अपने लिंक्डइन एकाउंट पर सुरोभि दास ने बताया है कि उन्होंने 2 साल यात्रा करने और ​अपने फिटनेस पर ध्यान दिया। एक साल तक गोवा में रहीं और यूरोप की यात्रा की।

पहली बार मुनाफे में आई है जोमैटो

आपको बता दें कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी (Food Delivery) कंपनी जोमैटो (Zomato) पहली बार मुनाफे में आई है। इस साल की पहली तिमाही का रिजल्ट यही बता रहा है। जून की तिमाही में कंपनी 2 करोड़ रुपये के मुनाफे में आई है। पिछले साल इसी तिमाही में जोमैटो को 186 करोड़ का लॉस हुआ था। इससे पहले की तिमाही में भी कंपनी 188 करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुकी थी।