दिल्ली.भगवान किस रूप में आकर इंसान की जान बचा ले इसका उदाहरण देखने को मिला बेंगलुरु से दिल्ली आ रही एयर  विस्तार की फ्लाइट में जिसमें एक मासूम बच्ची की सांस चली गई थी और 5 लोगों ने मिलकर 45 मिनट के अंदर बच्चे का इलाज किया जिसके बाद बच्ची बेहतर हो गई।


फ्लाइट में बेहोश हुई 2 साल की मासूम
बेंगलुरु से दिल्ली आ रही एयर विस्तार विमान यूके 814 फ्लाइट में 2 साल की बच्ची दो बार बेहोश हो गई।  इस बात की जानकारी होते ही प्लेन के क्रू ने बच्ची की हालात के बारे में घोषण करते हुए फ्लाइट को नागपुर की तरफ मोड़ने का ऐलान किया। इसी फ्लाइट में एम्स के पांच डॉक्टर भी यात्रा कर रहे थे जो बेंगलुरु में एक मेडिकल इवेंट में हिस्सा लेकर वापस दिल्ली आ रहे थे।  डॉक्टर ने  45 मिनट में बच्ची का इलाज किया और बच्ची की जान बचाई।

 

इमरजेंसी कॉल के दौरान पता चला की फ्लाइट में एम्स के डॉक्टर हैं
दरअसल बच्ची सियानोटिक बीमारी से पीड़ित थी यह बीमारी पैदाइशी हृदय रोग होता है। सफर के दौरान बच्ची दो बार बेहोश हो गई, बच्ची की बेहोशी को लेकर फ्लाइट में जब इमरजेंसी कॉल किया गया तो कॉल के जवाब में डॉक्टर ऋषभ जैन, डॉक्टर ओशिका, डॉक्टर नवदीप कौर, डॉक्टर दमनदीप सिंह, डॉक्टर अविचला टैक्सक ने बच्ची का फ्लाइट में इलाज शुरू कर दिया। बच्ची सांस नहीं ले पा रही थी उसके होंठ और उंगलियां पीले पड़ चुके थे। डॉक्टर के अनुसार बच्ची के हाथ पैर ठंडे पड़ चुके थे, विमान में एम्स के डॉक्टर की टीम ने बहुत ही सीमित संसाधनों के साथ बच्ची को सीपीआर (सांस लौटाने के लिए छाती को पुश करना) दिया और साथ में उसका इलाज किया। डॉक्टरों के सामने मुश्किल तब बढ़ गई, जब इलाज के दौरान बच्ची को कार्डिएक अरेस्ट पड़ा।

बच्ची को किया गया पुनर्जीवित
इस पूरी घटना की जानकारी AIIMS Delhi के ट्विटर हैंडल ने दिया है जिसमें बताया गया है कि 45 मिनट तक बच्ची को पुनर्जीवित किया गया। बच्ची की हालात में सुधार की प्लेन में सूचना दी गई तालियों की गडगडाहट से पूरा प्लेन गूंज उठा। और फ्लाइट को नागपुर के लिए मोड़ दिया गया। नागपुर पहुंचने पर बच्ची को चाइल्ड स्पेशलिस्ट को सौंप दिया गया।

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