करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा के तीसरे अटेम्पट में आईपीएस (IPS) पूजा गुप्ता आईएएस (IAS) बनी हैं। उनकी 42वीं रैंक आयी है। उनके पति शक्ति अवस्थी भी आईपीएस हैं, उन्हीं के बैचमेट हैं। वह लखनऊ के रहने वाले हैं। पहले वह आईआरएस सेवा के लिए चुने गए थे पर शक्ति संतुष्ट नहीं थे और फिर यूपीएससी परीक्षा में शामिल होकर आईपीएस बनें। वर्तमान में पति-पत्नी साथ ही ट्रेनिंग कर रहे हैं। पूजा के आईपीएस से आईएएस बनने के सफर के पीछे उनकी मां के साथ पति का सपोर्ट काम आया। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवारजनों को देते हुए कहती हैं कि यूपीएससी की जर्नी में परिवार के लोगों ने उनकी काफी मदद की। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने पूजा गुप्ता  से बातचीत की। आइए जानते हैं उनकी सक्सेज जर्नी।  

2018 में आयी थी 147वीं रैंक

एनसी जिंदल पब्लिक स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा के बाद पूजा ने रोहिणी सेक्टर 15 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2012 में बीडीएस में एडमिशन लिया। उनका ग्रेजुएशन वर्ष 2017 में पूरा हुआ था और वर्ष 2018 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में पहला प्रयास किया। पहले प्रयास में ही उन्हें सफलता हासिल हुयी और उन्हें 147वीं रैंक मिली थी। उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में हुआ। वर्ष 2019 के दूसरे अटेम्पट में उनका प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं हो सका था। लेकिन उन्होंने अगले प्रयास के लिए तैयारी जारी रखी और ट्रेनिंग के दौरान हीं यूपीएससी 2020 परीक्षा में शामिल हुईं।

मां दिल्ली पुलिस में दारोगा, पिता प्राइवेट कम्पनी में करते हैं नौकरी

उनकी मां रेखा गुप्ता दिल्ली पुलिस में दारोगा हैं। पिता राजकुमार गुप्ता निजी कम्पनी में नौकरी करते हैं। पूजा गुप्ता कहती हैं कि उनकी मां खुद दिल्ली पुलिस में काम करती हैं। उन्होंने उन्हें पुलिस में काम करते हुए शुरूआती दिनों से देखा। उन्हें हमेशा अपनी मां से प्रेरणा मिली। शुरुआती दिनों में उन्हें अपनी मां के काम को देखकर ही पता चला कि यूपीएससी की परीक्षा होती है। उसके जरिए प्रशासनिक व पुलिस के पदों पर भर्ती होती है। तभी से उनका यूपीएससी परीक्षा की तरफ रूझान बढ़ा और उनकी उस तरफ रूचि बढ़ी। फिर जब उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लिया तो इस बारे में पढ़ना शुरू किया। उनका कहना है कि ग्रेजुएशन के तीसरे साल से ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के साथ कॉलेज की पढ़ाई और उसकी परीक्षा की भी तैयारी आसान नहीं थी। पहले कॉलेज की पढाई की जाती थी और फिर तैयारी शुरू की जाती थी। 

हॉबीज से होता है फायदा

पूजा का परिवार त्रिनगर में रहता है। एक मध्यमवर्गीय परिवार में जो समस्याएं रहती हैं, वह सभी मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले अभ्यर्थियों के साथ रहती हैं। पूजा गुप्ता भी उन्हीं परिस्थितियों के बीच पली बढ़ी। हालांकि पूजा का कहना है कि उनके जीवन में ऐसा कुछ खास स्ट्रगल नहीं रहा। पिछले वर्ष कोविड महामारी के दौरान सभी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उस समय यूपीएससी परीक्षा का समय भी बढ़ा दिया गया था। उस समय यह जानकारी नहीं होती थी कि परीक्षा अब कब होगी। उस समय उनकी हॉबीज ने उन्हें इससे उबरने में काफी मदद की। उनका कहना है कि ऐसे समय में आपको अपनी हॉबीज को फॉलो करना बहुत जरूरी होता है। किसी को कुकिंग पसंद है। किसी को डांस पसंद है तो किसी को वाकिंग करना पसंद है। आपको अपनी हॉबीज को भी समय देना चाहिए। इससे आपके शरीर के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है और आपको अपने रूटीन को बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा वह घर के लोगों से सम्पर्क में रहती थीं। उनसे बातचीत किया करती थी। उससे मन हल्का और शांत रहता है। योगा और मेडिटेशन करने से भी बहुत फायदा मिलता है।

इंटरव्यू के समय सब हो जाता है सही

पिछले इंटरव्यू में पूजा गुप्ता की मार्क्स बहुत अच्छे नहीं आ पाए थे। यही बड़ी वजह थी कि उनकी रैंक बहुत अच्छा नहीं हो पायी थी। उनका कहना है कि इंटरव्यू के एक दिन पहले सबको लगता है कि पता नहीं क्या पूछ लेंगे। उन्हें लगता था कि कहीं फिर से पिछले वर्ष की तरह बोर्ड न मिल जाए। उनसे ऐसे कोई सवाल न कर लें और फिर से उनके नम्बर पिछले बार की तरह बहुत अच्छे न आ पाएं। समय से इंटरव्यू में पहुंचना भी बहुत जरूरी होता है। लेकिन जब इंटरव्यू का समय आता है तो सब सही हो जाता है। उनका इंटरव्यू 20 से 25 मिनट चला था।


धीरे-धीरे बढाएं अपनी क्षमता

पूजा गुप्ता का कहना है कि अभ्यर्थियों को बहुत ज्यादा सोर्सेज से पढ़ाई नहीं करनी है। अपने सोर्सेज को सीमित रखना चाहिए। बार बार उसका रिवीजन करना चाहिए। ऐसा भी नहीं करना है कि लगातार हर रोज बारह से सोलह घंटे पढ़ना है। देखा जाता है कि जो लोग 12 से 16 घंटे पढ़ाई कर रहे होते हैं। धीरे धीरे पढाई के प्रति उनकी रूचि और मोटिवेशन खत्म हो जाता है तो इसलिए जरूरी है कि अपनी कैपिसिटी धीरे-धीरे बढ़ाई जाए। पहले कुछ घंटे पढें, फिर इसको बढाकर आठ घंटे और दस घंटे कर सकते हैं। इसके बीच में ब्रेक भी लेना जरूरी है। हर इंसान को ब्रेक की जरूरत होती है। निरन्तर कोई काम नहीं कर सकता है। अपना पूरा शेड्यूल बनाना चाहिए और उसमें ब्रेक के लिए टाइम भी रखना चाहिए। ऐसा भी नहीं करना है कि आप अपनी हॉबीज को छोड़ दें। उन्हें फॉलो करना है। यह परीक्षा ऐसी है कि उसमें आप पूर्व से कुछ अनुमान नहीं लगा सकते हैं। हॉबीज को फॉलो करने से आपका मेंटल बैलेंस बना रहता है।

सोशल मीडिया को रेगुलेट रखने की जरूरत

उनका कहना है कि यूपीएससी परीक्षा की जर्नी काफी लम्बी होती है। इस दौरान आपको अपने परिवार और प्रियजनों से लगातार सम्पर्क में रहना चाहिए। वह आपके लिए मोटिवेशन और सपोर्ट सिस्टम की तरह होते हैं। इस जर्नी में आप थकते भी हैं और परेशान भी होते हैं। उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान कभी फेसबुक व इंस्टाग्राम वगैरह नहीं छोड़ा। उनका कहना है कि सोशल मीडिया को रेगुलेट रखने की जरूरत है कि हम इतने समय के लिए इसका उपयोग करेंगे। अनुशासन की जरूरत है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने टाइमटेबल को फॉलो करें। मॉक टेस्ट देना और मेंस परीक्षा के लिए लिखने की प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी है।

यूपीएससी सबको देता है समान अवसर

पूजा गुप्ता कहती हैं कि यूपीएससी एक ऐसा मंच है जो अमीर हो या गरीब, व्यक्ति किसी भी प्रांत से आया हो, सबको एक समान अवसर देता है। जो भी युवा इस मंच पर आना चाहता है, वह आए बस अपने जीवन को अनुशासन में रखे। संतुलन बनाए रखे और लोगों से जुड़ा रहे।