नई दिल्ली: एक्टिंग छोड़ने के 13 दिन बाद जायरा वसीम ने फिर से एक सोशल मैसेज शेयर किया है जिसमें लिखा है कि 'अपनी आत्मा के नायक को अकेला मत छोड़ो'। 
उन्होंने अपने इंस्टग्राम एकाउंट पर एक तस्वीर के साथ यह संदेश पोस्ट किया है। जिसमें वह दूसरों को प्रवचन देने की मुद्रा में दिख रही हैं। 

जायरा वसीम ने एक मकान की दीवार की धुंधली सी तस्वीर शेयर की है। इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा है, 'अपने अंदर की आग बुझने न दें। निराशा के दलदल में भी एक अपने अंदर की अद्वितीय चिंगारी के साथ हमेशा चमकते रहो। आप जैसी जिंदगी चाहते थे वैसी नहीं मिली हो तो इसके लिए अपनी 'आत्मा के नायक' को अकेला मत छोड़ो. आप जैसी दुनिया चाहते हैं, उसे जीता जा सकता है।'

18 साल की जायरा पता नहीं किस मजहबी प्रभाव में आकर 'आत्मा के नायक' के एकाकीपन की बातें कर रही हैं। जबकि आत्मा अपने आप में सिर्फ ईश्वर की साक्षी है। उसका कोई नायक तो हो ही नहीं सकता। 

वह जिस आध्यात्मिक आग की बात कर रही हैं। वह एक नितांत निजी विषय है। जिसे वह इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक करके खुद को मजहबी प्रचारक की भूमिका में दिखाने की कोशिश कर रही हैं। 

दरअसल जायरा वसीम मजहबी कट्टरपंथ की नई पोस्टर गर्ल बनने की कोशिश में बहुत तेजी से लगी हुई हैं। इसीलिए वह अपने बॉलीवुड अभिनेत्री के सेलिब्रिटी स्टेटस का सहारा लेते हुए सोशल मीडिया पर अपनी नई छवि तैयार करने की कोशिश में लगी हुई हैं।

 

फिल्म दंगल से चर्चा में आई जायरा वसीम ने 13 दिन पहले एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था, '5 साल पहले मैंने जो फैसला लिया था, उसने मेरी जिंदगी बदल दी, मैंने बॉलीवुड में कदम रखा। मेरी ये यात्रा काफी थकाने वाली रही, इन पांच सालों में मैं अपनी अंतरात्मा से लड़ती रही, छोटी सी जिंदगी में इतनी लंबी लड़ाई नहीं लड़ सकती, इसलिए मैं इस फील्ड से अपना रिश्ता तोड़ रही हूं। मैंने बहुत सोच-समझकर ये फैसला किया है।'

लेकिन बॉलीवुड से विदाई की घोषणा करने के बाद भी जायरा खुद को चर्चा में बनाए रखने का मोह छोड़ नहीं पा रही हैं। इसलिए वह सोशल मीडिया पर लगातार संदेश छोड़ रही हैं।