राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एक ऐसा नाम है जिसे आज देश में कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। कश्मीर मामले में तो वह अपनी कुशल रणनीति के पूरी घाटी को शांत रखने में अभी तक कामयाब हुए हैं। उनकी जिंदगी पर फिल्म बन रही है, जिसे रुपहले पर्दे पर लेकर आएंगे अक्षय कुमार। आईए आपको बताते हैं अजित डोभाल के उन खास कारनामों के बारे में जिन्हें अक्षय कुमार पर्दे पर निभाते नजर आएंगे-
मुंबई: फिल्म एक्टर अक्षय कुमार और डायरेक्टर नीरज पांडेय ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की जिंदगी पर फिल्म बनाने की तैयारी कर ली है। नीरज और अक्षय की जोड़ी इससे पहले बेबी और स्पेशल 26 जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुकी है।
अब उन्होंने देश के सबसे मशहूर जासूस और वर्तमान एनएसएस अजित डोभाल की रोमांचक जिंदगी पर फिल्म बनाने की योजना बनाई है। इस फिल्म में उनके उन कारनामों को दिखाया जाएगा, जो उन्होंने देश हित के लिए किए हैं। इसमें पाकिस्तान में जासूसी से लेकर उत्तर पूर्व के उग्रवाद और पंजाब में आतंकवाद विरोधी अभियान तक की घटनाएं समेटी जाएंगी।
आईए आपको बताते हैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की जीवन के कुछ प्रमुख कारनामे जिन्होंने देश में शांति स्थापित करने में बड़ी अहम भूमिका अदा की। पर्दे पर अक्षय कुमार उनके जीवन की इन्हीं वास्तविक घटनाओं को निभाएंगे-
1. अजित डोभाल पाकिस्तान में भारत के जासूस रह चुके हैं। वह लगभग सात सालों तक पाकिस्तान में एक मुसलमान की वेशभूषा में रहे। उन्हें वहां कोई पहचान नहीं पाया।
2. सिख आतंकवादियों के खिलाफ 1984 में इंदिरा गांधी के समय चलाए गए सेना के ऑपरेशन ब्लू स्टार में वह सिख का वेश धारण करके स्वर्ण मंदिर में घुसे और सुरक्षा बलों को आतंकवादियों की वास्तविक संख्या और पोजिशन की जानकारी प्रदान की। जिसके आधार पर सेना ने कार्रवाई की।
3. साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के समय में जब कंधार से इंडियन एयरलाइंस से विमान का अपहरण कर लिया गया, तो वह भारत सरकार की तरफ से मुख्य वार्ताकार बनकर गए थे। उन्हीं की मध्यस्थता से भारतीय यात्रियों को सुरक्षित छुड़ाने में कामयाबी मिली।
4. 1990 के दशक में उन्होंने कश्मीर के आतंकवादी संगठनों में जबरदस्त पैंठ बना ली थी। उन्होंने आतंकियों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया था। उन्होंने आतंकियों में फूड डलवाकर उसमें से भारत के पक्ष में लड़ने वाले गुट तैयार कर लिए थे। इसमें भारत की तरफ से लड़ने वाला कूका पैरे भी था, जो बहुत प्रसिद्ध हुआ था।
5. 80 के दशक में अजित डोभाल उत्तर पूर्व में सक्रिय रहे। उस समय मिजोरम में लालडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट ने हिंसा फैला रखी थी। तब डोभाल ने उसके सात में से छह कमांडरों को तोड़ लिया। जिसके बाद मजबूर होकर लालडेंगा को शांति समझौते को मानना पड़ा।
7. साल 1991 में खालिस्तानी उग्रवादियों द्वारा रोमानिया के राजदूत का अपहरण करने के बाद डोभाल ने ही उन्हें बचाने की सफल योजना तैयार की थी।
8. हाल फिलहाल के डोभाल के कारनामों में मोदी सरकार-1 के दौरान उन्होंने भारतीय सेना, म्यामांर आर्मी और उत्तर पूर्व के बागी गुटों के साथ म्यांमार सीमा में ऑपरेशन चलवाया। जिसमें कई बड़े उग्रवादी गुटों का उनके नेताओं सहित सफाया हो गया। यह भारत की पहली सर्जिकल स्ट्राइक थी।
9. पाकिस्तान के खिलाफ हुई 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक में भी उनकी सबसे अहम भूमिका थी।
10 कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद पूरी घाटी में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वह इन दिनों दिन रात मेहनत में लगे हुए हैं। यह आलेख लिखे जाने तक डोभाल कश्मीर घाटी में ही थी।
इसके अलावा अजित डोभाल ने ब्रिटेन और पाकिस्तान में राजनयिक के तौर पर भी जिम्मेदारी संभाली है। वह एक दशक तक आईबी(इंटेलिजेन्स ब्यूरो) की ऑपरेशन शाखा के मुखिया रहे हैं।
अजित डोभाल की इसी रोमांचक जिंदगी पर अक्षय कुमार फिल्म बनाने जा रहे हैं। जिसमें डोभाल की भूमिका वह खुद अदा करेंगे। इस फिल्म के डायरेक्टर नीरज पांडेय हैं।
Last Updated Aug 6, 2019, 6:10 PM IST