Aadujeevitham  Film: एक फिल्म की शूटिंग में कितनी मेहनत लगती है अक्सर लोग इस बारे में सिर्फ थोड़ा बहुत ही जानते है। आज हम आपको ऐसी एक फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं जो न सिर्फ 16 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार हुई है बल्कि सच्ची कहानी पर भी आधारित है। 

उपन्यास 'आडुजीवितम' पर आधारित है फिल्म

मलयालम सुपरस्टार पृथ्वीराज सुकुमारन की फिल्म 'द गोट लाइफ: आडुजीवितम' 28 मार्च रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म की कहानी जितनी दिलचस्प है उसना ही दिलचस्प इसे बनने का किस्सा रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस फिल्म को बनाने की शुरुआत आज से 16 साल पहले हो चुकी थी। मलयालम साहित्य की का लोकप्रिय उपन्यास 'आडुजीवितम' अब लोग पर्दे पर भी देख सकेंगे।

जब फिल्म 'आडुजीवितम' की शूटिंग शुरू होने में लग गए 10 साल

फिल्म के हीरो पृथ्वीराज अपनी फिल्म और 16 साल की जर्नी के बारे में बताते हुए कहते हैं कि साल 2008 में फिल्म के निर्देशक ब्लेसी मेरे पास नजीब की भूमिका के लिए आए थे। फिल्म के लिए मैंने हां कह दी। मलयालम सिनेमा में उस दौर में ज्यादा सुविधाएं न होने के कारण 10 साल तो फिल्म की शूटिंग शुरू होने में लग गए। फिल्म में एक ऐसे व्यक्ति की कहानी को दिखाया गया है जो 4 साल तक रेगिस्तान में फंसा रहता है। 

'आडुजीवितम' की शूटिंग के दौरान आई कई समस्याएं

पृथ्वीराज कहते हैं कि 2020 में फिल्म की शूटिंग के दौरान कोरोना शुरू हो गया और सब लोग जॉर्डन में फंस गए। फिस 2 साल के बाद परमीशन मिली अल्जीरिया, सहारा रेगिस्तान में दोबारा शूटिंग शुरू की गई। शूटिंग के लिए साउदी से 270 भेड़ और ऊंट भी मंगाए गए थे। जब हीरो ने फिल्म के लिए हां किया था तब उनकी शादी नहीं हुई थी। अब 16 साल बाद शादी के साथ बच्चे भी हो चुके हैं।  कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि सालों की मेहनत के बाद मलयालम सिनेमा से एक बेहतरीन फिल्म सामने आई है जिसे हर किसी को देखना चाहिए। 

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