#MeToo कैंपेन के तहत लेखक विनता नंदा ने अभिनेता आलोक नाथ पर रेप का आरोप लगाया था। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में भी मामला दर्ज करवाया था। लेकिन बलात्कार मामले में आलोकनाथ को एक सत्र अदालत ने गिरफ्तारी से पहले जमानत दे दी है। 

साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि आलोकनाथ के खिलाफ बलात्कार का मामला शिकायतकर्ता नंदा की अपमानजनक और झूठी रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया। लेखक ने निजी दुश्मनी के कारण बदला लेने के लिए बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई। अदालत ने यह फैसला बीते हफ्ते सुनाया था, जिसे मंगलवार को रिवील किया गया। 

आदेश में न्यायाधीश ने कहा, शिकायतकर्ता की अपमानजनक, झूठी, दुर्भावनापूर्ण और काल्पनिक रिपोर्ट के आधार पर अभिनेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। यह आलोकनाथ के प्रति शिकायतकर्ता के निजी प्रतिशोध से प्रेरित है। उसके आरोप शायद आलोकनाथ के लिए उसके एकतरफा प्रेम से प्रेरित थे।

अदालत ने पाया कि आलोकनाथ की पत्नी आशु और नंदा की कॉलेज के दिनों से ही मित्रता थी। मुंबई में एक टेलीविजन धारावाहिक की प्रोडक्शन इकाई के साथ काम करने के दौरान उनकी मुलाकात आलोकनाथ से हुई और तीनों मित्र बन गए। आलोकनाथ ने 1987 में आशु को शादी का प्रस्ताव दिया और दोनों ने शादी कर ली। ऐसे में नंदा को लगा कि वह अकेली रह गई क्योंकि उसने अपनी प्रिय मित्र को खो दिया था।

अदालत ने कहा, शिकायतकर्ता को पूरी घटना याद है, लेकिन तारीख और महीना याद नहीं है। तमाम तथ्यों को देखते हुए यह संभावना खारिज नहीं की जा सकती कि अभिनेता को झूठे अपराध में फंसाया गया।