हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने चर्चित तेलुगू अभिनेता-निर्माता एम मोहन बाबू को 2010 में चेक बाउंस मामले में मंगलवार को कोर्ट में सजा सुनाई गई है। साथ अभिनेता को लाखों का जुर्माना भी देना होगा।
तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता-निर्माता एम मोहन बाबू को हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने 2010 के चेक बाउंस मामले में मंगलवार को उन्हें एक साल की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं बल्कि 23वें विशेष मजिस्ट्रेट अदालत ने मोहन बाबू पर 41.75 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
मोहन बाबू पर यह केस दर्ज तेलुगू निदेशक वाई वी एस चौधरी की ओर से कराया गया था। इस मामले में चौधरी के वकील के. सत्य साईबाबा ने बताया कि मोहन बाबू की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ‘श्री लक्ष्मी प्रसन्ना पिक्चर्स’ को भी शिकायतकर्ता चौधरी को 10,000 रुपये का जुर्माना देने को कहा गया है।
आपको बता दें मोहन बाबू तेलुगू सिनेमा का एक बड़ा नाम हैं, वह एक्टिंग के अलावा फिल्मों का प्रोडक्शन और निर्देशन भी करते रहे हैं। मोहन बाबू अब तक 757 से ज्यादा फिल्मों में लीड या सपोर्टिव रोल प्ले कर चुके हैं। उन्होंने ‘श्री लक्ष्मी प्रसन्न पिक्चर्स’ के बैनर तले 80 से ज्यादा फिल्मों का प्रोडक्शन किया है।
फिल्मफेयर ने उन्हें साल 1995 में ‘Pedarayudu’ फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया था। इस फिल्म में रजनीकांत ने भी अहम भूमिका निभाई थी।
बता दें यह पहले एक्टर नहीं है जिनको चेक बाउंस के मामले में सजा सुनाई गई हो। इससे पहले भी
बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन कलाकार राजपाल यादव को भी इसी मामले में कभी 6 तो कभी 3 महीने की सजा सुनाई जा चुकी है। इसी के साथ उनपर 1.60 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
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राजपाल यादव इस मामले में अपनी सजा काट कर बाहर आ चुके हैं। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने यह भी बताया था कि उनके लिए वह समय काटना कितना मुश्किल था।
Last Updated Apr 3, 2019, 10:40 AM IST