उज्जैन. चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक का उपग्रह है। (Super Blue Moon Time in India) धर्म ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व बताया गया है। 30 अगस्त, बुधवार को चंद्रमा से जुड़ी एक दुर्लभ घटना देखने को मिलेगी। इस दिन चंद्रमा आम दिनों की तुलना में लगभग 14 प्रतिशत बढ़ा और चमकदार दिखाई देगा। वैज्ञानिक भाषा में इसे ब्लू मून कहा जाता है। आगे जानिए ब्लू मून (Blue Moon 2023) से जुड़ी खास बातें…

क्या है ब्लू मून? ( Super Blue Moon kya hota hai)
खगोलीय भाषा में कहा जाए तो जब चंद्रमा पृथ्वी के अधिक निकट होता है उस समय इसका आकार अपेक्षाकृत बड़ा दिखाई देता है और ये और भी चमकदार हो जाता है। इसकी चमक के चलते आकाश का रंग गहरा नीला दिखाई देने लगता है। इसी लिए ब्लू मून कहा जाता है। ऐसा संयोग 2-3 साल में एक बार बनता है। 

कब दिखाई देता है ब्लू मून? (When does blue moon appear?)
जिस महीने में 2 बार पूर्णिमा तिथि का संयोग बनता है, उस महीने के दूसरी पूर्णिमा पर ब्लू मून देखा जाता है। इस महीन में यानी अगस्त में भी ऐसा ही हो रहा है। महीने की आरंभ में यानी 1 अगस्त को सावन अधिक मास की पूर्णिमा थी और अब 30 अगस्त को सावन मास की पूर्णिमा का संयोग बन रहा है। इसलिए दूसरी पूर्णिमा का ब्लू मून दिखाई देगा। ये इस साल का सबसे चमकदार और बड़ा चंद्रमा होगा।
 
कब होता है मून ईयर? (When is Moon Year?)

साइंटिफिक भाषा में अगर किसी साल के 2 या 2 से अधिक महीने में 2 पूर्णिमा का संयोग बनता है तो इसे मून ईयर कहा जाता है। साल 2018 में ऐसा ही हुआ था, जब साल के जनवरी और मार्च महीने में 2-2 पूर्णिमाएं थीं। ब्लू मून को सुपर मूल, फुल मून आदि नामों से भी जाना जाता है।

2-3 साल में ही क्यों दिखाई देता है ब्लू मून? (Super Blue Moon Latest News)
वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर 29.53 दिन में लगाता है। इस हिसाब से चांद 354 दिनों में पृथ्वी के 12 चक्कर लगा लेता है जो कि 12 हिंदी महीने होते हैं और अंग्रेजी कैलेंडर 365 दिन का होता है। इस तरह हर अंग्रेजी कैलेंडर ईयर में चांद के पृथ्वी की 12 चक्कर लगाने के बाद भी 11 दिन ज्यादा होते हैं। तीन साल में इनकी संख्या 33 हो जाती है। जिसमें एक अतिरिक्त पूर्णिमा एक कैलेंडर ईयर में पड़ती है. इसी स्थिति को ब्लू मून कहा जाता है। 

कैसे दिखेगा ब्लू मून? (How will the Blue Moon look?)
खगोल शास्त्रियों के अनुसार, 30 अगस्त की शाम सूरज ढलने के बाद ही ब्लू मून दिखाई देने लगेगा। जिस समय ब्लू मून निकलेगा उस समय भारत में दिन होगा, इसलिए यहां ब्लू मून नहीं देखा जा सकता है। ब्लू मून का नजारा सबसे साफ अमेरिका में दिखाई देगा। अगर आप भी ब्लू मून देखना चाहते हैं तो विभिन्न वेबसाइटों पर लाइव स्ट्रीमिंग पर इसे देख सकते हैं। इसके तीन साल बाद 2026 में ब्लू मून देखा जा सकेगा।

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