उज्जैन. हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2023) पर्व मनाया जाएगा। इस बार ये तिथि 30 अगस्त, बुधवार को है। इस दिन भद्रा भी रहेगी। जिसके चलते रात 9 बजे बाद बहनें भाई को राखी बांध सकेंगी। वहीं इस दिन सुबह से पंचक भी शुरू हो जाएगा। इसे लेकर भी लोगों के मन में संशय है कि क्या पंचक का अशुभ असर भी रक्षाबंधन पर्व पर होगा। आगे जानिए इस विषय पर क्या कहते हैं उज्जैन के ज्योतिषाचार्य…

क्या है पंचक? (Kya hai Panchak)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, पंचक 5 नक्षत्रों का एक समूह है, जिसमें धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती नक्षत्र आते हैं। इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा में यात्रा, ज्वलनशील पदार्थ इकट्ठा करना, मकान की छत बनाना, अंतिम संस्कार करना आदि की मनाही होती है।

कितने प्रकार का होता है पंचक? (Types Of Panchak)
अलग-अलग वार से शुरू होने के कारण पंचक के कई नाम भी हैं। रविवार से शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक कहते हैं, सोमवार से शुरू होने वाले पचंक को राज पंचक, मंगलवार से शुरु होने वाले पंचक को अग्नि और शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाता है। वहीं शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं।

30 अगस्त को कब से शुरू होगा पंचक? (Panchak on raksha bandhan 2023)
पंचांग के अनुसार, पंचक की शुरूआत 30 अगस्त, बुधवार की सुबह लगभग 10.28 से होगी, जो 3 सितंबर, रविवार की दोपहर 03.49 तक रहेगा। 30 अगस्त को ही रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा रात 9 बजे तक होने से इसके बाद ही बहनें भाई को राखी बांध सकेंगी।

क्या रक्षाबंधन पर होगा पंचक का असर?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 30 अगस्त की सुबह जैसे ही पूर्णिमा तिथि आरंभ होगी, वैसे ही धनिष्ठा नक्षत्र भी शुरू हो जाएगा, जिससे कारण पंचक आरंभ हो जाएगा। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि रक्षाबंधन पर पंचक का संयोग बना है। खास बात ये है पंचक का रक्षाबंधन पर्व पर कोई बुरा प्रभाव नहीं होगा, इसलिए बहनें रात को 9 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद रक्षाबंधन पर्व मना सकती हैं। 


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