यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को थोड़े समय के लिए तो अदालत से राहत मिल गई है। लेकिन उनकी मुश्किल खत्म नहीं हुई है। क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी उन्हें सलाखों के पीछे डालने की फिराक में हैं।
नई दिल्ली: रॉबर्ट वाड्रा को फिलहाल पटियाला हाउस कोर्ट से राहत मिल गई है। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत अवधि 25 मार्च तक के लिए बढ़ा दी है। वाड्रा के साथ उनके पूर्व सहयोगी मनोज कुमार की भी जमानत अवधि बढ़ाई गई है। अदालत ने दोनों को जांच में सहयोग करने का आदेश भी दिया है।
लेकिन देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। क्योंकि आज प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने अपनी मंशा प्रकट कर दी है। जो कि वाड्रा के लिए बड़ी चिंता का कारण बन सकती है।
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मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वह वाड्रा को हिरासत में लेना चाहती है। जिससे उससे आगे की पूछताछ की जा सके।
ईडी ने अदालत में जो जवाब दाखिल किया उसमें कहा गया है कि वाड्रा के पास से जब्त किये गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और उनके सर्विलांस से हमें पर्याप्त सबूत मिले हैं, जो वाड्रा की विदेश में संपत्ति का राज खोलते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि अभी तक की जांच से साफ है कि रॉबर्ट वाड्रा घरेलू और सरहद पार से हो रही मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है। वो इस मामले में जांच के दायरे में आने वाली सम्पतियों के मालिक है।
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ईडी का मानना है कि वाड्रा सभी आरोपियों के अपराध के तरीके का खुलासा करने वाली सबसे अहम कड़ी है। वह गैरकानूनी तरीके से बनाई गई कई संपत्तियों का मालिक है। इस बारे में चल रही जांच अब एक अहम मोड़ पर है। सभी आरोपियों के अपराध का अंजाम देने के तरीके का खुलासा करना ज़रूरी है।
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों का यह भी कहना था कि वाड्रा प्रभावशाली व्यक्ति है,इस बात की पूरी सम्भावना है कि वाड्रा अग्रिम ज़मानत मिलने पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते है।
अब अदालत इस मामले में 25 मार्च यानी सोमवार को सुनवाई करेगी कि वाड्रा को पूछताछ के लिए ईडी की हिरासत में भेजा जाए या नही।
रॉबर्ट वाड्रा और उनके पूर्व सहयोगी मनोज कुमार की अंतरिम जमानत 25 मार्च तक बढ़ाई गई है। इससे पहले भी कोर्ट ने वाड्रा की अंतरिम जमानत की अवधि को 19 मार्च तक बढ़ाई थी।
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पिछली सुनवाई के दौरान वाड्रा ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े दस्तावेज की डिजिटल कॉपी की मांग की थी। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर ईडी ने वाड्रा को सभी दस्तावेजों की कॉपी सौंप दी गई थी।
वही रॉबर्ट वाड्रा के वकील व कांग्रेस से राज्य सभा सांसद के टीएस तुलसी ने कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय पर गंभीर आरोप लगाए। वाड्रा के वकील ने कोर्ट के सामने कहा था कि लोकसभा चुनाव निकट आने की वजह से ईडी इस मामले को जल्दी रफा दफा करना चाहती है।
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जिसपर ईडी ने जवाब दिया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वाड्रा ईडी को ही राजनीति में घसीट रहे है। उनका ये आचरण उन्हें ही कटघरे में खड़ा करता है।
प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा से 7 बार पूछताछ कर चुका है। ईडी वाड्रा से यह पूछताछ उनकी विदेशों में कथित अवैध संपत्ति के मामले में कर रही है।
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Last Updated Mar 19, 2019, 3:49 PM IST