नई दिल्ली: हरियाणा में पलवल जिले के उटावड़ गांव का यह मदरसा और मस्जिद के लिए पैसा हाफिज सईद से जुड़ी संस्थाओं लश्करे तैयबा और फलाह ए इंसानियत एनजीओ के जरिए लाया गया था। 
इस मामले में आरोपी मोहम्मद सलीम दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके का रहने वाला है। 

इस मामले खुलासा पिछले साल अक्टूबर में हुआ था। यहां की जामा मस्जिद खुलफ़ा ए राशिदीन में एनआईए की टीम ने छापा डाला था।  अक्टूबर में गिरफ्तार किए गए "आरोपी मोहम्मद सलमान को दुबई में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक कामरान से 70 लाख का चेक मिला था। कामरान आतंकी संगठन के लिए काम करता है और भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए फंड उपलब्ध कराता है।"

माय नेशन ने दिखाई थी अक्टूबर में खबर

पलवल के इस गांव में एनआईए के अधिकारियों ने 3 अक्टूबर 2018 को छानबीन की थी। इसके चंद दिनों पहले ही एनआईए की टीम ने टेरर फंडिंग के आरोप में मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया था।  

आतंकी संगठनों के पैसों से मस्जिद बनाने की मामला मात्र हरियाणा के पलवल तक ही सीमित नहीं है। जांच के दायरे में अब देश के कई और जिले आ गए हैं। क्योंकि इन इलाकों में आतंकी फंडिंग को लेकर पहले भी गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं।

हरियाणा के पलवल में लश्करे तैयबा के पैसे से आलीशान मस्जिद बनाने के मामले का खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेन्सियों के कान खड़े  हो गए हैं। 

आशंका है कि देश के और भी कई हिस्सों में इसी तर्ज पर आतंकवादी संगठनों के पैसे का इस्तेमाल करके स्थानीय नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है। 

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक आतंकी फंड से मस्जिद बनाने की मामला मात्र हरियाणा के पलवल तक ही सीमित नहीं है। एजेन्सी की जांच के दायरे में अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिले भी आ गए हैं। क्योंकि यहां आतंकी फंडिंग को लेकर पहले भी गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। 

कुछ इस तरह एनआईए टीम ने की थी रेड

पलवल में आतंकी फंड से मस्जिद बनवाने का आरोपी सलमान के संपर्क भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों से थे। एनआईए के अधिकारियों को आशंका है, कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा आतंकियों के संपर्क बिहार, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और केरल में भी हो सकते हैं। क्योंकि इन स्थानों पर पहले भी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

दरअसल सीमा पर कड़ी निगरानी के चलते अब घुसपैठ मुश्किल हो गई है। इसलिए आतंकी संगठनों ने देश में टेरर मॉड्यूल खड़ा करने का नया तरीका निकाला है। अब वह लोग पैसे के जरिए देश के अंदर ही आतंकी नेटवर्क खड़ा करने की फिराक में हैं। 

इसके लिए हवाला के जरिए पैसा देश में लाया जा रहा है और उससे आलीशान इमारतें खड़ी की जा रही हैं। पिछले कुछ सालों से देश के कई हिस्सों अचानक बड़ी बड़ी मस्जिदनुमा इमारतें या मदरसे खड़े होते हुए दिखे हैं। फतेहाबाद से भी आई थी आतंकी फंडिंग से मस्जिद बनाने की खबर

जरुरी नहीं है, कि ऐसी हर इमारत का संबंध आतंकी संगठनों से हो। लेकिन अचानक इस तरह की इमारतों की बहुतायत संदेह जरुर पैदा करती है। इसलिए खुफिया विभाग इस तरह की इमारतों के लिए जमा की गई फंडिंग की जांच में जुट गई है।