नई दिल्ली: जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद शायद बुरी तरह घायल हो गया है या फिर मारा गया है। दरअसल वह रावलपिंडी के जिस मिलिट्री अस्पताल में भर्ती था, वहां भीषण विस्फोट की खबर आई है। 

पाकिस्तान के ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने इस अस्पताल में विस्फोट का वीडियो शेयर किया है। 

मसूद अजहर पिछले साल यानी अक्टूबर 2018 में इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह रीढ़ से संबंधित गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है। 

माय नेशन ने पहले ही दिखाई थी मसूद अजहर के अस्पताल में भर्ती होने की खबर, पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मसूद अजहर की हालत इतनी बुरी थी कि वह अपने बिस्तर से हिल भी नहीं पा रहा था। ऐसे में अस्पताल में हुए विस्फोट से उसका बच पाना शायद संभव नहीं लग रहा था। रावलपिंडी के स्थानीय निवासियों ने अपने मोबाइल कैमरे से इस विस्फोट की तस्वीरें कैमरे में कैद की हैं।

हालांकि इस विस्फोट के मसले पर पाकिस्तान की सुरक्षा एजेन्सियां अब तक खामोश हैं। उनका इस मामले में कोई बयान सामने नहीं आया है। उनकी ये चुप्पी भी मामले को संदेहास्पद बनाती हैं। 
क्योंकि आतंकवाद और आतंकवादी सरगना पाकिस्तान की विदेश नीति का अहम हिस्सा हैं। जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान अपने पड़ोसियों पर अवांछित दबाव बनाने के लिए करता है। 

जिस अस्पताल में विस्फोट हुआ है, वह भी मिलिट्री अस्पताल था। लेकिन फिर भी पाकिस्तान की एजेन्सियां इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही हैं। जिससे यह मामला ज्यादा संदेहास्पद लग रहा है। 

दरअसल पाकिस्तान की फौज और खुफिया संस्था आईएसआई के लिए मसूद अजहर जैसे आतंकी की मौत बड़ा झटका है। इसलिए वह इसे इतनी आसानी से स्वीकार नहीं करेंगी। 

मसूद जिस मिलिट्री अस्पताल में भर्ती था वहां हुआ धमाका इतना जबरदस्त था कि करीब 500 मीटर के दायरे में कई इमारतों के शीशे टूट गए है। इतने बड़े धमाके से लगभग अपाहिज हो चुके मसूद अजहर का बच पाना बेहद मुश्किल है। क्योंकि वह चलने फिरने से भी लाचार था। 

 मसूद अजहर को कुछ ही वक्त पहले संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है। यूएन के इस फैसले के बाद पाकिस्तानी सरकार ने मसूद अजहर की सुरक्षा बढ़ा दी थी। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।