राजस्थान के कोटा के चिडियाघर में एक बाघ इंसान को कच्चा चबा गया। बाघ ने उसके गर्दन के एक हिस्से को खा लिया गया था और बाकी शरीर भी खाने की तैयारी में था। पर लोगों का शोर सुनकर बाघ इंसान को छोड़कर पिंजरे में चला गया। बाद में लोगों ने बाघ का शिकार बने शख्स को बाहर निकाला।
कोटा। राजस्थान के कोटा के चिडियाघर में एक बाघ इंसान को कच्चा चबा गया। बाघ ने उसके गर्दन के एक हिस्से को खा लिया गया था और बाकी शरीर भी खाने की तैयारी में था। पर लोगों का शोर सुनकर बाघ इंसान को छोड़कर पिंजरे में चला गया। बाद में लोगों ने बाघ का शिकार बने शख्स को बाहर निकाला।
बाघ के पिंजरे में गया था केयरटेकर
दरअसल, यह घटना कोटा जिले के अभेड़ा बॉयोलॉजिकल पार्क की शुक्रवार के दिन की है। पार्क का केयरटेकर बाघ के पिंजरे में गया था। बीमार बाघ का इलाज चल रहा था। जिसे पिंजरे में रस्सी से बांधा गया था। बाघ के पैर में लगी चोट पर दवा लगाने के लिए केयर टेकर रामदयाल अंदर गया था और सावधानी के साथ बाघ के पैर के घाव पर दवा लगा रहा था।
बाघ ने रस्सा तोड़ दबोच ली गर्दन
पर उसी दरम्यान बाघ ने रस्सा तोड़ दिया और रामदयाल की गर्दन दबोच ली। केयर टेकर के शरीर पर पंजों से हमला बोल दिया। गर्दन के कुछ हिस्सों को दांतों से खींचा भी। उस दरम्यान चिड़ियाघर के अन्य स्टाफ भी मौजूद थे। उनके तेजी से शोर मचाने पर बाघ डर गया और रामदयाल को जमीन पर छोड़कर पिंजरे में चला गया।
4 साल बाद था रिटायरमेंट
रामदयाल को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। पर उसकी मौत हो चुकी थी। अब, मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। मृतक रामदयाल की उम्र 55 साल थी और वह करीबन 25 साल से जंगली जानवरों के केयर टेकर के रूप में काम कर रहे थे। उनके रिटायर होने में 4 साल बचे थे। जिस पिंजरे में बाघ ने रामदयाल पर हमला बोला। उसके आसपास के पिंजरे में भी बाघ मौजूद थे।
Last Updated Oct 28, 2023, 5:28 PM IST