रक्षा मंत्रालय ने अपने सभी कंप्यूटरों से माइक्रोसॉफ्ट ओएस को हटाने का फैसला लिया है और अब इन कम्यूटर में मेड इन इंडिया 'माया' ऑपरेटिंग सिस्टम लाने का फैसला किया है। माया को ओपन सोर्स-उबंटू फ्लेटफॉर्म पर डिवलेप किया गया है। इसका उद्देश्य साइबर अपराध और मैलवेयर हमलों के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाना है।
नेशनल डेस्क। देश में बढ़ते साइबर हमलों को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार सतर्क है। साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार उचित कदम उठा रही है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने अपने सभी कंप्यूटरों से माइक्रोसॉफ्ट ओएस को हटाने का फैसला लिया है और अब इन कंप्यूटर में मेड इन इंडिया 'माया' ऑपरेटिंग सिस्टम लाने का फैसला किया है। माया को ओपन सोर्स-उबंटू फ्लेटफॉर्म पर डिवलेप किया गया है। इस उद्देश्य साइबर अपराध और मैलवेयर हमलों के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाना है। आने वाले दिनों में ये अन्य सरकारी विभागों में भी यूज किया जाएगा।
सरकार ने साइबर हमलों के खिलाफ रचा 'चक्रव्यूह'
गौरतलब है, बीते कुछ सालों में डिफेंस सिस्टम पर साइबर हमलों का खतरा बढ़ता जा रहा था। इससे जुड़े कई मामले भी आ चुके हैं। इसी को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो माया आपरेटिंग सिस्टम का यूजर का इंटरफेस और वर्किंग काफी हद तक विंडोज जैसा ही है। इसकी सहायता से यूजर्स आसानी से फंक्शन कर सकते हैं। वहीं रक्षा मंत्रालय के सिस्टमों में 'माया' को अपग्रेड करने के लिए 15 अगस्त तक की समय सीमा निर्धारित की गई है।
मेड इन इंडिया ऑपरेटिंग सिस्टम 'माया'
मेड इन इंडिया ऑपरेटिंग सिस्टम 'माया' कम्प्यूटर सिस्टम को साइबर अटैक से बचाने के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से डिवलेप किया गया गया है। जो ओपन-सोर्स उबंटू प्लेटफॉर्म पर बेस्ड है। जिसका सीधा अर्थ है कि यह फ्री और सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध सॉफ्टेवयर का इस्तेमाल करता है। माया का उद्देश्य विंडोज जैसा इंटरफेस देना और कार्यक्षमता प्रदान कराना है।
हैकर्स के लिए खड़ी करेगा मुश्किलें
माया को चक्रव्यूह नाम के एंड-प्वाइंट एंटी-मैलवेयर और एंटीवायरस साफ्टवेयर के साथ लाया गया है। जो यूजर्स और इंटरनेट के मध्य एक वर्चुअल लेयर बनाता है। जो हेकर्स को सेंसटिव डेटा तक पहुंचने से रोकती है। उम्मीद जताई जा रही है, साल के आखिरी तक रक्षा मंत्रालय के सभी सिस्टमों में 'माया' इंस्टाल कर दिया जाएगा।
कैसे डिवलेप किया गया 'माया'ओएस ?
मेड इन इंडिया ऑपरेटिंग सिस्टम का डेवलपमेंट 2021 में शुरू हुआ। जब भारत को कई बार साइबर हमलों का सामना करना पड़ा। सरकार ने माना कि स्वदेशी ओएस ज्यादा सुरक्षिता होगा। जिसके बाद DRDO,NIC और सी डैक समेत कई सरकार एजेंसियों के विशेषज्ञों ने माया ओएस को डिवलेप किया। इसमें सुधार के लिए भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों और संस्थानों का सहयोग लिया गया।
ओएस माया को नौसेना ने दी हरी झंडी
ओएस माया का नाम भारतीय अवधारणा के नाम पर रखा गया है। जो रियलिटी में भ्रामक स्थिति से जुड़ा है। आसान शब्दों में जब विदेशी जमीन से हैकर्स रक्षा मंत्रालय के कम्प्यूटर सिस्टम को हैक करने की कोशिश करेगा उसे माया का सामना करना पड़ेगा, यानी उसे जो दिख रहा होगा असल में ऐसा कुछ होगा ही नहीं। ओएस माया के प्रयोग पर भारतीय नौसेना हरी झंडी दे चुकी है। जबकि थल सेना और वायुसेना इसका मूल्कांयन कर रही है।
डिजिटल ढांचे को करेगा मजबूत
गौरतलब है, बीते कुछ सालों में साइबर हमलों को देखते हुए देश की सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क है। इसी को देखते हुए ऑपरेटिंग सिस्टम में बदलाव का फैसला लिया गया। रक्षा मंत्रालय ने 'माया' ऑपरेटिंग सिस्टम को अपना लिया है। ऐसे में बढ़ते साइबर हमलों के बीच यह देश के डिजिटल बुनियादी को सुरक्षित बनाए रखने में काफी कारगर साबित होगा।
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Last Updated Aug 10, 2023, 7:47 PM IST