असम में एनआरसी को लेकर टीएमसी का सियासी ड्रामा जारी है। एनआरसी का विरोध कर रहे मुस्लिम समुदाय के नेताओं से मिलने पहुंचा टीमएसी का दल सिलचर एयरपोर्ट पर डटा हुआ है, वो धरना दे रहे हैं।
एयरपोर्ट पर बात तब बिगड़ गई जब टीएमसी नेता सुरक्षाकर्मियों से हाथापाई पर उतारू हो गए। बंगाल में मंत्री फिरहाद हकीम की अगुवाई वाले दल को जब पुलिसवालों ने रोकना चाहा तो हिंसक हो उठे। मारपीट में दो महिला कॉन्स्टेबल सहित तीन पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं।
हाथापाई में जख्मी तीनों पुलिसकर्मियों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। टीएमसी के दल में शामिल महुआ मोइत्रा के व्यवहार ने सवाल खड़ा कर दिया है। उन पर मारपीट करने का आरोप है। हालांकि, इन आरोपों को टीएमसी ने खारिज कर दिया है। वो मारपीट को अलग रंग दे रहे हैं।
असम पहुंचे दल की अगुवाई बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम कर रहे हैं। इसमें सांसद सुखेंदु शेखर रे, काकोली घोष दास्तीदार, रत्ना डे नाग, नदीमुल हक, अर्पिता घोष, ममता ठाकुर और महुआ मोइत्रा शामिल हैं, जो जेट एयरवेज की फ्लाइट से गुरुवार दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर सिलचर पहुंचे थे। कानून-व्यवस्था के मद्देनज़र नेताओं को सिलचर शहर में दाखिल होने से मना कर वापस लौटने को कहा गया और वहां धारा 144 लगा दिया गया। नेता जमे रहे और उनकी तरफ से धारा 144 को तोड़ने का प्रयास किया गया, जिसके बाद हालात बिगड़ने शुरू हो गए। पुलिसवालों ने जब उन्हें रोका तो वो पुलिसवालों के खिलाफ नारेबाज़ी करने लगे।
असम के डीजीपी कुलधर सेकिया ने कहा कि टीएमसी नेताओं के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं। उनपर धारा 144 तोड़ने और पुलिस कर्मचारियों से मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया है। साथ ही असम के डीजीपी ने स्पष्ट किया कि किसी नेता की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
टीएमसी नेताओं का शुक्रवार को गुवाहाटी पहुंचने का कार्यक्रम था लेकिन यहां पहले से ही धारा 144 लगा दी गई है। असम के परिवहन मंत्री का कहना है कि टीएमसी नेताओं के राज्य में आने से किसी को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अगर कोई एनआरसी के मुद्दे पर अशांति फैलाएगा तो सरकार उसके खिलाफ एक्शन लेगी।
वहीं दूसरी तरफ, असम में एनआरसी पर ममता बनर्जी की रणनीति को तगड़ा झटका लगा है। राज्य में टीएमसी के अध्यक्ष विधायक दिपेन पाठक ने पार्टी छोड़ दी है।
पद से इस्तीफा देते हुए दिपेन पाठक ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी असम में कानून-व्यवस्था बिगाड़ना चाहती हैं और इसी के लिए वो बराक घाटी में अपने नेताओं का दल भेजना चाह रही हैं। इस मामले में ममता बनर्जी ने असम इकाई के नेताओं से सलाह तक नहीं ली। पाठक ने इसको लेकर गुवाहाटी में बकायदा प्रेस क्रांफ्रेस की। उन्हीं की राह पर पार्टी के दो और नेताओं दिगंता सेकिया और प्रदीप पचोनी ने भी बुधवार को टीएमसी से किनारा कर लिया था।
Last Updated Aug 3, 2018, 11:12 AM IST