पिछले तीन चुनावों में यूपी से लगातार जीत हासिल करने वाले कुछ सांसदों के अमीर होने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसमे सबसे आगे हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, फिर नंबर आता है समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का और तीसरे नंबर हैं यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी। यह खुलासा चुनाव आयोग में जमा सांसदों के हलफनामे में दिए गए आंकड़ों की सांख्यिकीय पड़ताल पर आधारित एडीआर की रिपोर्ट में हुआ है।
पिछले तीन बार यानी लगातार पंद्रह साल तक जीतकर संसद आने वाले पांच सांसदों की संपत्ति में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति सबसे तेजी से यानी 17 गुना बढ़ी है। साल 2004 में उनके पास 55.38 लाख रुपए थे, जो कि 2014 में 9.40 करोड़ रुपए हो गया।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की संपत्ति 14 गुना बढ़ी है और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की संपत्ति 11 गुना बढ़ी है। केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी की संपत्ति भी छह गुना बढ़ी है।
पीलीभीत से बीजेपी की सांसद मेनका गांधी के पास 2004 में छह करोड़ 67 लाख थे जो कि 2009 में 18 करोड़ 28 लाख हुए और 2014 में उनकी संपत्ति 37 करोड़ रुपये हो गई।
सपा संस्थापक आजमगढ़ के सांसद मुलायम सिंह यादव के पास 2004 में एक करोड़ 15 लाख थे जो कि 2009 में दो करोड़ 23 लाख और फिर 2014 में 15 करोड़ 96 लाख रुपये हो गई।
वहीं रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी के पास 2004 में 85 लाख 68 हजार था जो कि 2009 में एक करोड़ 37 लाख हुआ और 2014 में बढ़कर नौ करोड़ 28 लाख हो गया।
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उत्तर प्रदेश में साल 2004 से 2017 के बीच हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने यह रिपोर्ट दी है।
2004 से 2017 के बीच यूपी से संसद और विधानसभा पहुंचने वाले 38% नेताओं की पृष्ठभूमि आपराधिक है। इसमें 23% पर हत्या, दंगा, हत्या के प्रयास, रेप जैसे गंभीर अपराधों के मुकदमे हैं। वहीं बार-बार चुने जाने वाले सांसदों-विधायकों की संपत्ति में कई गुना इजाफा हुआ है।
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एडीआर के फाउंडर मेंबर प्रफेसर त्रिलोचन शास्त्री और यूपी इलेक्शन वॉच के संयोजक संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2004 से 2017 के बीच हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 19,971 उम्मीदवारों और 1,443 सांसदों/विधायकों की पृष्ठभूमि का विश्लेषण रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार एसपी के 42%, बीजेपी के 37%, बीएसपी के 34%, कांग्रेस के 35% और आरएलडी से चुनकर आए 21% प्रतिनिधियों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। विधानसभावार देखें तो 2012 में सर्वाधिक 45% दागी चुनकर आए थे जबकि 2007 और 2012 में यह आंकड़ा 35% रहा।
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2004 से अब तक 235 सांसदों का शपथपत्र देखा गया तो निष्कर्ष यह निकला कि सांसदों की औसत संपत्ति 6.08 करोड़ रुपये ठहरती है। पिछले तीन चुनावों में लगातार जीतने वाले पांच सांसदों की संपत्ति अप्रत्याशित दर से बढ़ी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति 2004 के 55.38 लाख से करीब 16 गुना बढ़कर 2014 में 9.40 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।
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पिछले चौदह सालों में लोकसभा-विधानसभा के चुनावों में बसपा ने सर्वाधिक 59 फीसदी करोड़पतियों को टिकट दिया। सपा ने 55 फीसदी, भाजपा ने 52 और कांग्रेस ने 42 फीसदी करोड़पतियों को टिकट दिया। जीतने वाले उम्मीदवारों के आंकड़े में भाजपा ने बाजी मारी है। भाजपा के 73 फीसदी सांसद-विधायक करोड़पति रहे हैं। सपा में 58 फीसदी, बसपा में 42 फीसदी, जबकि कांग्रेस में 52 फीसदी सांसद-विधायक करोड़पति हैं।
Last Updated Mar 2, 2019, 5:45 PM IST