लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में गठबंधन को लेकर भाजपा के आक्रामक तेवर अपना लेने से शिवसेना में घमासान शुरू हो गया है। भाजपा के साथ गठबंधन करने पर पार्टी में अलग-अलग स्वर सुनाई दे रही हैं। शिवसेना के राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों ने राज्य में भाजपा के साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर विरोधाभासी बयान दिए हैं।

शिवसेना के लोकसभा सांसदों के एक गुट का मानना है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन करना फायदेमंद रहेगा। लेकिन राज्‍यसभा सांसद संजय राऊत गठबंधन से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में संभावित गठबंधन पर शिवसेना में दो गुट आमने-सामने नजर आ रहे हैं। 

दरअसल, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के महाराष्ट्र के लातूर में कड़े तेवर दिखाने के बाद शिवसेना में अंदरूनी हलचल तेज हो गई है। शाह ने कहा था कि अगर सहयोगी दल हमारे साथ आते हैं तो हम उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे, अन्यथा हम उन्हें ‘पटक देंगे’। पार्टी कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर तैयारी करना चाहिए। 

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शि‍वसेना का एक गुट भाजपा के साथ गठबंधन न होने पर नुकसान की बात मान रहा है। वहीं राज्यसभा सांसद संजय राऊत लगातार भाजपा के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा रोड रोमियों की तरह हमारे पीछे पड़ी है, लेकिन किसी भी हालत में गठबंधन नहीं होगा।

उधर, शिवसेना के लोकसभा के सांसद शिवाजीराव पाटिल ने कहा, हमें तोड़ने की नहीं जोड़ने की बात करनी चाहिए। शिवसेना के सांसदों की यही इच्छा है की गठबंधन हो। कुछ बयानबाजी होती जा रही है, उसका नुकसान हो रहा है। 

अब तक शिवसेना की तरफ से भाजपा से गठबंधन पर चर्चा होने को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है। लेकिन सांसद पाटिल ने कहा है कि ‘अगर गठबंधन नहीं होता है तो दोनों पार्टियों को नुकसान होगा और गठबंधन होता है तो दोनों फायदे में रहेंगी।’

पहली बार शिवसेना में अंदरूनी टकराव सामने आ रहा है।  शिवसेना के कुछ सांसद उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने वाले हैं।