Intrim Budget 2024 Highlights:क्रेंद की मोदी की सरकार 10 सालों से सत्ता पर काबिज है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को मोदी सरकार का 10वां और 2024-25 का अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट से उम्मीदें थीं की सरकार सैलरी क्लास लोगों को राहत देगी हलांकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।  ऐसे में ये जानना भी जरूरी है की कांग्रेस के शासन में अंतरिम बजट 2014-15 से मोदी सरकार का अंतरिम बजट 2024-24 कितना अलग और ऐतिहासिक है।

2014 में पी चिदंबरम थे वित्त मंत्री

2014 फरवरी महीने में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान वित्त मंत्री पी चिदबंरम ने यूपीए सरकार का अंतरिम बजट 2014-15 पेश किया था। जहां यूपीए सरकार ने बजट में कई तरह की कटौती की थी। सरकार ने घाटे को कम दिखाने के लिए ऑयल और फर्टीलाइजर पर दी जाने वाली सब्सिडी को अगले साल तक टाल दिया था। बता दें, सब्सिडी  35 हजार करोड़ की थी। मनमोहन सरकार के इस फैसला का खामियाजा ऑयल कंपनियों को भुगतना पड़ा था। रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने 80 हजार करोड़ के घाटे को मैनेज करने में कई योजनाओं को टाल दिया था। 

कांग्रेस सरकार ने लगाई थी इन चीजों पर रोख

2014-15 के अंतरिम बजट में मनमोहन सिंह सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और अन्य काम करने वाली कंपनियों के सरकारी पेमेंट पर रोक लगा दी थी। जिसका असर देश के विकास पर दिखा था। जनवरी से मार्च महीने तक कांग्रेस सरकार ने निर्माण कार्यों में 8000 करोड़ व्यय किए थे। वहीं रिपोर्ट्स बताती हैं कि सामान्य स्थिति में ये आंकड़ा 85 हजार करोड़ का होत था। वहीं 2005 से 2014 के बीचे में गर्वेंमेंट का कैपिटल एक्सपेंडिचर 23 फीसदी से घटकर 14 फीसदी हो गया। जिससे देश में बेरोजगारी की दरों में वृद्धि देखने को मिली थी। 

कैसा रहा अंतरिम बजट 2024-25

बधुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों के साथ देश के वित्तीय विकास का लेखा-जोखा जनता के सामने रखा। उन्होंने बताया कि बजट में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सरकार से किसी भी प्रकार के भुगतान पर रोक नहीं लगाई है। साथ ही कैपिटल एक्सपेंडिचर भी कम नहीं हुआ है। सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ाने के साथ राजकोषीय घाटे को कम करने के उद्देश्य पर काम कर रही हैं। 

देश में महंगाई नियंत्रण में- निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में कैपिटल एक्सपेंडिचर नई ऊंचाईयों को छू रहा है। इसके साथ ही हमारा लक्ष्य इसे 15 लाख करोड़ तक ले जाना है। केवल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11.11 लाख करोड़ रुपए सरकार खर्च करेगी। वहीं उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में जहां महंगाई बढ़ रही है तो भारत में महंगाई नियत्रंण में है। मोदी सरकार ने देश के विकास के साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान किए हैं। 

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