नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार जल्द ही 'मिशन रानीगंज: द ग्रेट भारत रेस्क्यू' में नजर आएंगे। यह सर्वाइवल थ्रिलर मूवी माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल (Jaswant Singh Gill) की जाबांजी पर बेस्ड है। जिसमें उन्होंने जमीन से 350 फीट नीचे फंसे 65 माइनर्स को बचाया था। मूवी में अक्षय कुमार, परिणीति चोपड़ा और रवि किशन जैसे कलाकार नजर आएंगे। मूवी को 6 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज करने की तैयारी है। आइए उन्हीं जसवंत सिंह गिल के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

कौन थे Jaswant Singh Gill? 

अमृतसर के सथियाला निवासी जसवंत सिंह गिल 22 नवंबर, 1937 को जन्मे थे। वह कोल इंडिया लिमिटेड में खनन अधिकारी थे। साल 1989 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में तैनाती के दौरान उन्होंने 65 मजदूरों की जान बचाई थी। यह हादसा कोयला खदान ढहने की वजह से हुआ था। बाद में उनका यह बचाव अभियान दुनिया का सबसे सफल बचाव अभियान साबित हुआ और उसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली।

कैसे हुआ था हादसा?

हादसा 13 नवम्बर 1989 के दिन का है। हादसे के दौरान जसवंत सिंह गिल ड्यूटी पर थे। पश्चिम बंगाल की महाबीर खदान में चट्टानों को ब्लास्ट के जरिए तोड़ा जा रहा था। उसी दौरान अचानक 'वाटर टेबल' (भूजल स्तर) की दीवार चटकने की वजह से खदान में पानी भर गया। कोई कुछ समझ पाता। उससे पहले ही स्थिति कंट्रोल से बाहर चली गई। 6 लोगों की मौत हो गई, जो लोग लिफ्ट के पास काम कर रहे थें। उन्हें किसी तरह बाहर निकाला गया। पर जो लोग लिफ्ट से दूर काम में लगे थे। ऐसे 65 लोगों की जान खतरे में पड़ गई। 

'कैप्सूल गिल' ने कैसे बचाई 65 मजदूरों की जान

ऐसे स्थिति में जब लोगों का दिमाग काम करना बंद कर देता है। जसवंत सिंह गिल ने दिलेरी दिखाई। कहा जाता है कि पहले उन्होंने लोगों के प्राणों की रक्षा करने के लिए पानी के पम्प के जरिए पानी बाहर निकालने का प्रयास किया। सफलता नहीं मिलने पर 2.5 मीटर लम्बा एक स्टील का कैप्सूल बनाकर उसे खदान में उतारा और फिर उसी कैप्सूल के जरिए मजदूरों को एक-एक कर बाहर निकाला था। उन्हें 'द हीरो ऑफ रानीगंज' भी कहा जाता है।

सर्वोत्तम जीवन रक्षक पदक से सम्मानित

इंजीनियर एसोसिएशन ने साल 2013 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित भी किया था। हालांकि अब वह हमारे बीच नही हैं। 20 नवम्बर 2019 को कार्डियक अरेस्ट की वजह से 80 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। पर उनका बचाव अभियान इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। वह इकलौते इंसान थे, जिन्होंने किसी खदान में फंसे 65 लोगों की जान बचाई थी। जसवंत सिंह गिल को साल 1991 में सिविलियन गेलेन्ट्री अवार्ड 'सर्वोंत्तम जीवन रक्षक पदक' भी दिया गया था।

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